भारत का महाशक्ती बनना तय है - सतपाल महाराज
वो उत्तराखंड की राजनीति में अपना वर्चस्व रखते हैं और राज्य को नयी दिशा देने का श्रेय भी उन्हें जाता है। वो उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक के रूप में नयी विचार धारा को आगे बढ़ाने वाले हैं। इतना ही नहीं 1994 में उन्होंने रामपुर तिराहा में हुये जघन्य अत्याचार को देख कर 350 किमी की शहीद श्रदांजलि पद यात्रा की और राजनीति में पर्दापण किया। इन्होंने रेल मंत्रालय और वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में राज्यमंत्री के पद पर अपनी सेवायें दीं , ये हैं भारत को विश्व में महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का सपना देखने वाले सतपाल जी महाराज ।
ये कांग्रेस के उत्तराखंड की पौढ़ी लोकसभा सीट से सांसद है। उनसे बात की हमारे संवाददाता सतीश आर्या ने। प्रस्तुत है। बात चीत के कुछ खास अंश ......
कांग्रेस ने आपको पौड़ी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है कैसा लग रहा है।
अच्छा लग रहा है। एक बार फिर क्षेत्र की जनता की सेवा करने का अवसर मिला है।
बतौर पालीटीशियन आपके द्वारा पौड़ी की जनता के लिए अब तक किए जाने वाले कार्य।
पौड़ी क्षेत्र की जनता के लिए हमने अनेकों कार्य करवाए है। बहुत सी योजनाएं लागू कराई जिनमें शहीदों के आश्रितों को नौकरियां, वृद्धावस्था पेंषन, मेडिकल सुविधाए, यातायात की सुविधाएं आदि शामिल हंै। शहीदों की स्मृति में नारसन में एक शहीद स्मारक का निर्माण भी कराया।
आपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत किस तरह से की। आप पहली बार कब सांसद चुने गये।
मैने उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन कारियों की सर्वोच्च संस्था उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति में श्री इंद्रमणि बकाड़ी के साथ मैने मुख्य संरक्षक के नाते सड़कों पर लड़ाई लड़ी। मै 1996 में पहली बार सांसद चुना गया।
एक राजनेता के रूप में आपका सबसे बड़ा सपना, जो आप सच करना चाहते हो।
अपने देश भारत को विश्व भर में महाशक्ति राष्ट्र के रूप में देखने का। जहां पर हर धर्म और जाति के लोग कंधे से कंधा मिलाकर चलें।
उत्तराखंड को राज्य का दर्जा कब प्राप्त हुआ। इसमें आपकी भूमिका कैसी रही।
उत्तराखंड को राज्य का दर्जा 1997 में मिला। 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा से षिफारिष की और पुनः 1997 में इंद्रकुमार गुजराल जी से षिफारिष की। जिन्होंने लालकिले की प्राचीर से उत्तराखंड राज्य की घोषणा की।
किस प्रधान मंत्री के कार्यकाल में उत्तराखंड को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।
प्रधानमंत्री इन्द्रकुमार गुजराल जी के कार्य काल में।
उत्तरांचल को उत्तराखंड में बदलने का कोई विषेष कारण नाम बदलने का एलान किस राजनेता ने किया।
कोई विशेष कारण नही रहा। यह देश के उत्तर भाग में होने की वजह से उत्तराखण्ड रखवाया गया। इसकी घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की।
प्रथक राज्य बनाने को लेकर 1994 में हुए रामपुर तिराहा संघर्ष से आपके जीवन में कैसा प्रभाव पड़ा।
उत्तराखंड को प्रथक राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष पड़ा। हमने लाखों लोगों में जागृति पैदा की। इन आन्दोलनकारियों पर रामपुर तिराहा मुजफ्फरपुर में हुए जघन्य अत्याचार से मेरा दिल दहल उठा। हमने आन्दोलन को तेज किया। वहां शहीद हुए अनेको निरीह आन्दोलनकारियों के परिवारों की आजीविका का प्रबन्ध किया।
आपकी शहीद श्रंदाजलि पद यात्रा कैसी रही। कितने किलोमीटर का सफर रहा।
सन् 1995 में गोपेष्वर से रामपुर तिराहा तक शहीद श्रद्धान्जली पद यात्रा की जो अच्छी रही। इससे प्रदेश सरकार की भी नीदें उड़ गयी। यह 350 किमी का सफर था।
केन्द्र में रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद अपने क्षेत्र की जनता के लिए क्या किया।
रेल मंत्रालय का कार्यभार सभालने के बाद मैने कई शहीदों के आश्रितों को नौकरीयाँ दिलवायी। इसके साथ ही रेलवे आउटसोर्सिंग एजेन्सियों की स्थापना तथा कम्प्यूटरीकृत रेल आरक्षण का विस्तार रेलवे के लिए विभिन्न समितियों व जोनल रेलवे परामर्शदात्री समिति का निर्माण कराया।
वित्तमंत्री के रूप में आपने कौन सी सुविधाएं प्रदेश की जनता को दी।
वित्तमंत्री के रूप में मैने अपने क्षेत्र की माता बहनों के लिये बीमा योजना लागू करवायी, यह पूर्ण पहाड़ी महिलाओं के लिए थी। पूर्व सैनिकों का वेतन बढ़ाने का कार्य किया।
ऋषिकेष स्थापित दवाखाना (आईडीपीएल)की दषा दयनीय थी। क्या किया उसके लिए।
ऋषिकेष स्थापित दवाखाना (आईडीपीएल) जो कई वर्षो से मरणासन्न पड़ा हुआ था उसके पुर्न संचालन के लिए हमने वित्त मंत्रालय से 9 करोड़ 80 लाख रूपये स्वीकृत करवाया। इससे लोगों को अपनी योग्यता और कौषल दिखाने का अवसर प्राप्त हुआ।
आपके द्वारा उत्तराखंड को औद्यौगिक पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने का कोई विशेष कारण।
यह क्षेत्र औद्यौगिक दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा होने के साथ-साथ औद्यौगिक रोजगार न होने के कारण मैने उत्तराखंड को औद्यौगिक पिछड़ा क्षेत्र घोषित किया।
आपकी पत्नी अमृता रावत भी बीरोंखाल विधान सभा सीट से विधायक हैं, उन्होंने जनता के लिए क्या किया।
उन्होंने भी क्षेत्र की जनता के लिये अनेकों सुख सुविधाएं दी है। एनडी तिवारी की सरकार में अमृता ऊर्जा बाल विकास राज्य मंत्री रहीं।
राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में आपका योगदान। उनके कार्यकाल के बारे में क्या कहेंगे।
एनडी तिवारी जी के कार्य काल में बीस सूची कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का उपाध्यक्ष रहा। इस दौरान अखिल भारतीय स्तर पर राज्य को प्रथम स्थान मिला। जिससे केन्द्र सरकार के द्वारा विकास के लिए एक हजार करोड़ रूपये से बढ़कर चार हजार करोड़ रूपये मिले। तिवारी जी का कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा।
सत्ताधारी भाजपा सरकार अपनी जीत पक्की करने का दावा कर रही है। क्या कहेंगे ।
विरोधी लोग तो अपनी-अपनी गाते हैं । यह तो चुनाव बाद ही पता चलेगा। कि कौन कहां पर है। सत्ताधारी सरकार लाखों रूपये खर्च कर रही है, जनता हिसाब लेगी।
क्या कांग्रेस की घोषणा पत्र मतदाताओं को रिझा पायेगा। खासकर गरीब जनता के लिए क्या योजनाएं है।
शिक्षा के क्षेत्र में मेरी रणनीति तेजी से कार्य करेगी। क्षेत्र को आधुनिक सुविधाओं से नवाजा जायेगा। गढ़वाल विष्वविघालय में कार्यरत अंषकालिक शिक्षकों के समायोजन एवं विनियमितिकरण की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। इसके लिए हम पूरा प्रयास करेंगे।
महिला आरक्षण के बारे में क्या कहेंगे।
महिला आरक्षण जरुर लागू किया जायेगा।
चुनाव से पूर्व नेता कोरे वायदे करते है बाद में जनता को भगवान के भरोसे को छोड़ देते है।
सभी नेता ऐसे नही होते हैं, यदि मैं ऐसा होता तो क्षेत्र की जनता से उतना प्यार नहीं मिलता जितना मुझे मिल रहा है। हम करने में विश्वास रखते है, कोरे वादे पर नहीं।
राहुल गांधी के बारे में आप क्या कहेंगे। क्या कांग्रेस नेतृत्व उन्हें प्रधानमंत्री बनायेगा या किसी और को।
राहुल गांधी का भविष्य उज्ज्वल है और एक दिन वे राष्ट्र का मार्गदर्शन जरूर करेगें। फिलहाल कांग्रेस आला कमान क्या करता है यह समय बतायेगा।
आप युवा वर्ग से क्या अपील करना चाहेंगे।
मै युवा वर्ग से अपील करता हूं कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग इस क्षेत्र, प्रदेष और देष के हित में अवष्य करें। मजबूत व स्थाई सरकार बनाने को कांग्रेस को वोट दें। जब केन्द्र में मजबूत सरकार बनेगी तो विकास और रोजगार के अनेकों अवसर खुलेंगे।
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