कोयला मंत्री ने अपने रिश्तेदार को 9 कोल ब्लाक दिए
कानपुर। कोल ब्लाक आवंटन घोटाले के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने गुरुवार को यहां कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 15 सवालों के कठघरे में खड़ा किया और उनके जवाब मांगे। सोमैया ने आरोप लगाया कि कोयला मंत्री ने ‘अपने समधी के समधी को 9 कोल ब्लाक आवंटित किए हैं। बाद में इनमें से 6 ब्लाक कांग्रेस नेताओं को बेच दिए गए। कोल ब्लाक आवंटन घोटाले के आरोपी मनोज जायसवाल से श्रीप्रकाश के कारोबारी और पारिवारिक दोनों रिश्ते हैं। घर आना-जाना है।’ अगर श्रीप्रकाश जायसवाल के खिलाफ जांच हो तो 24 घंटे के अंदर एफआईआर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुंबई सीबीआई को वह घोटाले से संबंधित और साक्ष्य उपलब्ध कराएंगे।
सोमैया यहां कोयला घोटाले के विरोध में बड़े चौराहे पर आयोजित धरने में शिरकत करने आए थे। इस मौके पर सरकिट हाउस में उन्होंने प्रेसवार्ता की। उन्होंने सवाल किया कि क्या जायसवाल समूह को 9 कोयले की खदानें मिली हैं, जिनमें 50 हजार करोड़ का कोयला रिजर्व है? कोई अनुभव, क्षमता न होने के बावजूद इतनी खदानें क्यों दी गईं? 50 करोड़ के समूह को 50 हजार करोड़ की खदानें देने का राज क्या है? इसी तरह बाकी सवाल भी कोयला घोटाला और जायसवाल ग्रुप से संबंधित थे। उन्होंने बताया कि 100 बेनामी कंपनियों में से 9 कांग्रेस नेताओं के नाम हैं। नाम पूछने पर बोले कि मंत्री न सही वे सांसद तो हैं ही। उन्होंने केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का भी नाम लिया और बताया कि उनकी कोलकाता और गुवाहाटी में 4 बेनामी कंपनी हैं। इनके पास 26 फीसदी शेयर हैं। उन्होंने मांग की कि कोयला घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में की जाए। उत्पादन शुरु हुए बिना ही 2 रुपए का कंपनी शेयर 268 रुपए में बेचा गया। इसमें हजारों करोड़ कमाए गए।
सोमैया यहां कोयला घोटाले के विरोध में बड़े चौराहे पर आयोजित धरने में शिरकत करने आए थे। इस मौके पर सरकिट हाउस में उन्होंने प्रेसवार्ता की। उन्होंने सवाल किया कि क्या जायसवाल समूह को 9 कोयले की खदानें मिली हैं, जिनमें 50 हजार करोड़ का कोयला रिजर्व है? कोई अनुभव, क्षमता न होने के बावजूद इतनी खदानें क्यों दी गईं? 50 करोड़ के समूह को 50 हजार करोड़ की खदानें देने का राज क्या है? इसी तरह बाकी सवाल भी कोयला घोटाला और जायसवाल ग्रुप से संबंधित थे। उन्होंने बताया कि 100 बेनामी कंपनियों में से 9 कांग्रेस नेताओं के नाम हैं। नाम पूछने पर बोले कि मंत्री न सही वे सांसद तो हैं ही। उन्होंने केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का भी नाम लिया और बताया कि उनकी कोलकाता और गुवाहाटी में 4 बेनामी कंपनी हैं। इनके पास 26 फीसदी शेयर हैं। उन्होंने मांग की कि कोयला घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में की जाए। उत्पादन शुरु हुए बिना ही 2 रुपए का कंपनी शेयर 268 रुपए में बेचा गया। इसमें हजारों करोड़ कमाए गए।
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