अजित पवार के इस्तीफे के खिलाफ समर्थकों का प्रदर्शन, बारामती बंद
मुम्बई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के
इस्तीफे के विरोध में राज्य के बारामती कस्बे की व्यावसायिक गतिविधियां
बुधवार सुबह बंद रहीं. बारामती राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का
गढ़ माना जाता है. पवार के इस्तीफा के बाद मंगलवार शाम को भी राज्य के अन्य
हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इनमें यवतमाल, औरंगाबाद और पुणे शामिल
हैं. अजित पवार की पार्टी के 19 सहयोगियों ने भी इस्तीफे की पेशकश की,
लेकिन राकांपा अध्यक्ष और अजित पवार के चाचा शरद पवार ने मना कर दिया. यहां
से लगभग 250 किलोमीटर दूर पुणे जिले के बारामती कस्बे में व्यावसायिक
गतिविधियां व व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह 11 बजे तक बंद रहे. इसके कुछ ही
घंटे बाद मुद्दे पर चर्चा के लिए राकांपा की एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है.
बारामती राकांपा प्रमुख और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का पारम्परिक
गढ़ है. उन्होंने इस क्षेत्र का संसद में लगातार प्रतिनिधित्व किया है.
फिलहाल उनकी पुत्री सुप्रिया सुले बारामती से सांसद हैं, जो पुणे जिले में
आता है. अजित के अचानक इस्तीफा देने के बाद राततक विरोध प्रदर्शन जारी रहे,
जिसके कारण राज्य के सामने राजनीतिक संकट खड़ा हो गया. यवतमाल में राकांपा
कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का पुतला फूंका और मांग की
कि पवार को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किया जाए. पवार के प्रति सहानुभूति
जाहिर करने के लिए औरंगाबाद, पुणे और राज्य के अन्य शहरों में भी विरोध
प्रदर्शन हुए. विरोध प्रदर्शन का तापमान बुधवार सुबह तब ठंडा हुआ, जब
राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष कृष्णराव आर. देसाई का
सुबह निधन हो गया. अजित ने इन आरोपों के कारण इस्तीफा दिया है कि उन्होंने
1999-2009 के बीच जल संसाधन मंत्री रहते हुए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक
कीमत के सिंचाई ठेके मनमाने तरीके से जारी किए थे. उसके बाद उन्हें
उपमुख्यमंत्री बना दिया गया और वह वित्त व ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी देख
रहे थे.
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें