आईफ़ोन में लोगों की घटती रुचि के कारण
शायद इस बात में अब कोई आश्चर्य नहीं है कि एंड्रॉयड तकनीक से लैस फ़ोन का स्मार्टफ़ोन के 68 फ़ीसदी बाज़ार पर क़ब्ज़ा हो जबकि पिछले साल उनका नियंत्रण केवल 47 फ़ीसदी बाज़ार पर था.
लेकिन इसी दौरान ऐपल का बाज़ार शेयर घटकर 17 फ़ीसदी हो गया.
यानि की आज की तारीख़ में एंड्रॉयड फ़ोन का बाज़ार में हिस्सा ऐपल की तुलना में चार गुना ज़्यादा है. एंड्रॉयड फ़ोन की बढ़ती चुनौती के कारण अब ऐपल बड़े साइज़ का फ़ोन बना रही है लेकिन वो सिर्फ़ एक नक़ल है जिसमें कोई नयापन नही है.
टैबलेट के बाज़ार मे भी ऐपल अब दूसरों की या तो नक़ल करने लगा है या उससे प्रभावित होने लगा है.
10 इंच की स्क्रीन वाला आईपैड लंबे समय से टैबलट बाज़ार में हावी रहा है लेकिन अब उसे अमेज़न की किंडल फ़ायर, गूगल नेक्सस 7 और सैमसंग गैलेक्सी से चुनौती मिल रही है.
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें