विधायक के गुर्गों ने किया धर्मशाला पर कब्जा ?
कानपुर । ब्रजभूषण धर्मशाला को गिराकर उसके स्थान पर पानी की टंकी बनाने का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है. स्थानीय लोगों में रोष है कि क्षेत्रीय विधायक के कुछ गुर्गों के प्रभाव में नगर निगम की धर्मशाला को गिरा कर सामुदायिक बारातघर और जनउपयोगी स्थल को नेस्तनाबूद किया जा रहा है. वैसे भी वर्षों से यह धर्मशाला नगर निगम के सम्बद्ध अधिकारीयों की लापरवाही को भुगत रही है. नगर निगम के इस भवन को गिराकर पानी की टंकी बनाने से क्षेत्र में कोई दूसरा सामुदायिक भवन उपलब्ध नहीं होगा, ऐसे में गरीब तबके के लोगों के लिए शादी ब्याह के लिए जगह की व्यवस्था करना बहुत कठिन हो जायेगा. नगर निगम के इस कार्यवाही के लिए क्षेत्रीय पार्षद कहते हैं कि वैकल्पिक व्यवस्था के बिना शासन के इस कार्य का कड़ा विरोध किया जायेगा और क्षेत्रीय लोग हमारे साथ हैं. क्षेत्रीय पार्षद का कहना है कि इस प्रकार के किसी नए निर्माण के लिए दूसरी मौजूद जगहों में विद्यालय के पीछे और तकिया पार्क में जो जगह मौजूद है उस पर विचार न करके कार्यकारी संस्था धर्मशाले को गिरा रही है. बकौल आशुतोष त्रिपाठी यह जगह पूर्व पार्षद रूद्र दत्त वैद्य के समय में नगर निगम को ब्रजभूषण ट्रस्ट द्वारा दान की गयी थी. आर.टी.आई एक्टिविस्ट राम मोहन पाठक के पास मौजूद दस्तावेजों में साफ़ जाहिर है कि शासनादेश में इस जगह पर निर्माण का कोई लिखित प्रस्ताव नगर निगम से पास नहीं हुआ. पूर्व में पारित एक आदेश में दिखाए गए पंद्रह प्रस्तावित स्थानों में तेरह में पार्क हैं और दो में रामलीला मैदान हैं. लिखित आदेश में इस कार्य के लिए संभावित स्थान की जगह पास के ही एक दूसरे स्थान का चयन किया गया था. जिसे विधायक के गुर्गों के प्रभाव के चलते पुराने सीसामाऊ की इस धर्मशाला का अतिक्रमण करके करवाया जा रहा है. गौरतलब है की कार्यस्थल के साथ ही नगर निगम का एक विद्यालय भी है जिसकी बाउंड्री धर्मशाले के साथ ही सटी हुई है. भविष्य में विद्यालय में पढने वाले बच्चों के अभिभावक भी इस निर्माण को लेकर काफी सशंकित हैं. उत्तर प्रदेश जल निगम और जल कल विभाग से इस आशय में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है.
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