कानपुर- अब एचबीटीआई से भी करें पीएचडी
कानपुर। अब एचबीटीआई में पीएचडी की जा सकेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इंजीनियरिंग के 4 पाठ्यक्रमों में पीएचडी करने की अनुमति दे दी है। इसे सत्र 2012-13 से शुरू करना हैं। हर पाठ्यक्रम की 2-2 सीटें निर्धारित हैं। जो हर साल भरी जाएंगी।
क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (क्यूआईपी) के तहत एचबीटीआई को पीएचडी कराने की मान्यता दी गई है। अगस्त 2012 में जारी मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कराई जा सकेगी। इसकी दाखिला प्रक्रिया में दूसरे संस्थान के टीचर्स, प्रोफेशनल और उद्यमियों को वरीयता मिलेगी। निदेशक प्रोफेसर जेएससी राय ने बताया कि पीएचडी में दाखिला लेने वाले स्कालर को कैंपस में रहकर रिसर्च वर्क पूरा करना होगा। उन्हें प्रतिमाह 15-18 हजार रुपये स्कालरशिप भी मिलेगी। यूजीसी से स्वायत्तता मिलने के बाद एचबीटीआई के लिए यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है। आईआईटी कानपुर, ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के बाद एचबीटीआई कानपुर को ही क्यूआईपी सेंटर का दर्जा मिला है।
क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (क्यूआईपी) के तहत एचबीटीआई को पीएचडी कराने की मान्यता दी गई है। अगस्त 2012 में जारी मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कराई जा सकेगी। इसकी दाखिला प्रक्रिया में दूसरे संस्थान के टीचर्स, प्रोफेशनल और उद्यमियों को वरीयता मिलेगी। निदेशक प्रोफेसर जेएससी राय ने बताया कि पीएचडी में दाखिला लेने वाले स्कालर को कैंपस में रहकर रिसर्च वर्क पूरा करना होगा। उन्हें प्रतिमाह 15-18 हजार रुपये स्कालरशिप भी मिलेगी। यूजीसी से स्वायत्तता मिलने के बाद एचबीटीआई के लिए यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है। आईआईटी कानपुर, ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के बाद एचबीटीआई कानपुर को ही क्यूआईपी सेंटर का दर्जा मिला है।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें