मनमोहन सिंह : इशारों से नहीं चलती सरकार

प्रधानमंत्री पर ताना मारते हुए मोदी ने उनकी तुलना एक हिंदी फिल्म के चरित्र ‘सिंघम’ से की थी और सवाल किया था कि वह ‘बोल्ड’ (कड़ा फैसला लेने वाले) क्यों बने केवल विदेशियों को फायदा पहुंचाने के लिए? उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री जी, देश जानना चाहता है कि आठ साल में आप दो ही बार सिंघम क्यों बने? एक बार अमेरिका के साथ परमाणु समझौता करने के लिए और दूसरी बार विदेशियों के लिए एफडीआई लाने के मुद्दे पर। मोदी ने सवाल किया था कि ये दोनों उदाहरण विदेशियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। आप भारत के लिए कभी सिंघम क्यों नहीं बने? उन्होंने यह भी कहा था कि ये दोनों मौके तब चुने गए जब अमेरिका में चुनाव के दिन करीब आए। इसमें कोई राज जरूर है।
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