अनिद्रा की दवाएं खाने के बजाय, कारण की तलाश करें
लंदन.अनिद्रा रोग से पीड़ित हर 10 व्यक्तियों में से आठ
इसके लिये जिम्मेदार कारणों की तलाश करने के बजाय अपनी स्थिति को ठीक करने
के लिये दवा लेने में यकीन रखते हैं. ब्रिटेन की रायल फार्मास्यूटिकल
सोसायटी ने 2077 वयस्कों का अध्ययन करने के बाद बताया कि 51 फीसदी लोगों ने
डाक्टर से सलाह लिये बगैर खुद से ही इस रोग का उपचार करने के लिये इससे
जुड़ी दवायें खरीद लीं.
चिकित्सकों के मुताबिक अनिद्रा की जड़ तक पहुंचे
बगैर उसका उपचार करना खतरनाक साबित हो सकता है. चिकित्सकों का कहना है कि
अनिद्रा के कुछ मामलों को इस तरह की दवायें कुछ समय के लिये ठीक जरूर कर
सकती हैं, लेकिन इन्हें बिना डाक्टरी सलाह के लिये लंबे समय तक नहीं लेना
चाहिये, क्योंकि ऐसी दवायें बीमारी के मूल कारण को छिपाने में सहायता करती
हैं जो आगे चलकर अधिक समस्यायें पैदा कर सकता है. चिकित्सकों ने इस रोग के
उपचार के कुछ सरल तरीके भी बताये हैं. उनका कहना है कि दवाओं पर भरोसा नहीं
करके लोग अगर रात में सोने और सुबह उठने का एक नियत समय तय कर लें तो बहुत
हद तक इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा शाम को चाय-काफी
अथवा मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिये और रात में डटकर भोजन करना चाहिये.
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