माया समर्थन देंगी या गिरा देंगी सरकार ?
लखनऊ। सत्ता गंवाने के सात महीने बाद मायावती ने फिर
हुंकार भरी। मंगलवार को लखनऊ के रामाबाई अंबेडकर मैदान में बीएसपी की
महासंकल्प रैली हुई। इस रैली में मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर
हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार घोटालों की सरकार है।
उसकी नीतियां मंहगाई बढ़ाने वाली हैं। उन्होंने रिटेल में एफडीआई लाने के
फैसले का विरोध करते हुए इसके नतीजों पर पैनी नजर
रखने का एलान किया।
मनमोहन सरकार से बेहद नाराज दिख रहीं मायावती ने कहा कि बुधवार को पार्टी
की अहम बैठक होगी जिसमें यूपीए सरकार को समर्थन जारी रखने के बारे में
फैसला किया जाएगा।सूबे की सरकार पर तीखे आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह की तरह ही घोषणा मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अखिलेश सरकार में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रमोशन में आरक्षण का विरोध करने और कांशीराम जयंती पर छुट्टी को रद्द करने के लिए समाजवादी पार्टी को जमकर कोसा। यहां तक कह दिया कि डा. अंबेडकर ने आरक्षण व्यवस्था न बनाई होती तो मुलायम का कुनबा भैंस चरा रहा होता। उधर, भैस चराने वाली टिप्पणी के सामने आते ही समाजवादी पार्टी हत्थे से उखड़ गई। उसने जवाबी हमला करते हुए कहा कि मायावती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए मायावती, सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट ने जुलाई में दिए गए अपने फैसला का हवाला देते हुए कहा कि सीबीआई को मायावती के मामले की जांच से उसने रोका नहीं है। सीबीआई चाहे तो एक नई याचिका भी दायर करके सरकार से अनुमति ले सकती है। बहरहाल, अब सबकी निगाह मायावती पर हैं। उन्होंने महासंकल्प रैली में 2014 के पहले लोकसभा चुनाव की आशंका जताकर माहौल को गरमा दिया है। इस लिहाज से बुधवार को होने जा रही बीएसपी कर्यकारिणी की बैठक बेहद अहम हो उठी है, जिसमें केंद्र को समर्थन जारी रखने या ना रखने का फैसला होगा।
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