होलिस्टिक पद्धति से हो सकती है मधुमेह की छुट्टी
नई दिल्ली. चिकित्सा विज्ञान की तमाम उपलव्धियों के
बावजूद मधुमेह आज तक लाइलाज बना हुआ है, लेकिन होलिस्टिक विशेषज्ञों का
कहना है कि गैर पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों की मदद से मेडिसिन का
इस्तेमाल करके अनेक रोगों की जननी मानी जाने वाली इस बीमारी का उपचार किया
जा सकता है. प्रमुख
होलिस्टिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आरके तुली ने दावा किया कि उन्होंने आधुनिक चिकित्सा, आयुष प्रणालियों, एक्यूपंक्चर, एवं हिप्नोसिस के संयोजन से बनी होलिस्टिक चिकित्सा की मदद से मधुमेह के अनेक मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है और खास बात यह कि इन मरीजों को न तो दवाइयां खानी पड़ी और न ही इंजेक्शन लेने पड़े. देश में में होलिस्टिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित सोसायटी फॉर होलिस्टिक एडवांसमेंट ऑफ मेडिसिन (सोहम) के अध्यक्ष डॉ. तुली ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि होलिस्टिक चिकित्सा से न सिर्फ मधुमेह को जड़ से सफाया किया जाता है, बल्कि इससे रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य में भी आशचर्यजनक सुधार होता है.
होलिस्टिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आरके तुली ने दावा किया कि उन्होंने आधुनिक चिकित्सा, आयुष प्रणालियों, एक्यूपंक्चर, एवं हिप्नोसिस के संयोजन से बनी होलिस्टिक चिकित्सा की मदद से मधुमेह के अनेक मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है और खास बात यह कि इन मरीजों को न तो दवाइयां खानी पड़ी और न ही इंजेक्शन लेने पड़े. देश में में होलिस्टिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित सोसायटी फॉर होलिस्टिक एडवांसमेंट ऑफ मेडिसिन (सोहम) के अध्यक्ष डॉ. तुली ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि होलिस्टिक चिकित्सा से न सिर्फ मधुमेह को जड़ से सफाया किया जाता है, बल्कि इससे रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य में भी आशचर्यजनक सुधार होता है.
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें