सूर्य ग्रहण का दिवाली पर असर नहीं
उज्जैन। खगोलीय घटना के तहत इस साल का अंतिम पूर्ण सूर्य
ग्रहण 14 नवम्बर को होगा। यह ग्रहण भारत के किसी हिस्से में नहीं दिखाई
देगा। लेकिन भारतीय पंचांग के अनुसार दीपावली 13 नवम्बर को होगी और सूर्य
ग्रहण पर दीपावली का कोई प्रभाव नही रहेगा। ज्योतिषियों के मतानुसार
भौगोलिक अक्षांश दक्षिण 40.5 डिग्री एवं रेखांश पूर्व 149.8
डिग्री पर 14 नवम्बर को भारतीय स्टेण्डर्ड समयानुसार एक बजकर आठ मिनट से प्रारंभ होगा और छह बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण भारत में इसका कोई असर नही होगा। न ही इसका दीपावली पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा। भारतीय पंचांग परिषद के राष्ट्रीय संयोजक राजज्योतिषी पंडित बाबूलाल जोशी ने बताया कि कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी पर अमावस्या मंगलवार 13 नवम्बर को दीपावली पर्व है और प्रदोष समय 17 बजकर 40 से रात्रि 20 बजकर 16 तक का महालक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा। इसके अलावा मध्य रात्रि निशिथकाल में भी श्री लक्ष्मी जी का पूजा रात्रि 23 बजकर 45 मिनट से मध्यरात्रि 12.15 बजे तक अथवा रात्रि 12.15 से 2 बजकर 28 मिनट के समय में महालक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि खग्रास सूर्यग्रहण आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंण्ड, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण ध्रुव स्थान, प्रशांत महासागर में नजर आयेगा तथा इस ग्रहण की खग्रास आकृति उत्तरी आस्ट्रेलिया तथा पेसेफिक सागर में दिखाई देगी।
डिग्री पर 14 नवम्बर को भारतीय स्टेण्डर्ड समयानुसार एक बजकर आठ मिनट से प्रारंभ होगा और छह बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण भारत में इसका कोई असर नही होगा। न ही इसका दीपावली पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा। भारतीय पंचांग परिषद के राष्ट्रीय संयोजक राजज्योतिषी पंडित बाबूलाल जोशी ने बताया कि कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी पर अमावस्या मंगलवार 13 नवम्बर को दीपावली पर्व है और प्रदोष समय 17 बजकर 40 से रात्रि 20 बजकर 16 तक का महालक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा। इसके अलावा मध्य रात्रि निशिथकाल में भी श्री लक्ष्मी जी का पूजा रात्रि 23 बजकर 45 मिनट से मध्यरात्रि 12.15 बजे तक अथवा रात्रि 12.15 से 2 बजकर 28 मिनट के समय में महालक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि खग्रास सूर्यग्रहण आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंण्ड, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण ध्रुव स्थान, प्रशांत महासागर में नजर आयेगा तथा इस ग्रहण की खग्रास आकृति उत्तरी आस्ट्रेलिया तथा पेसेफिक सागर में दिखाई देगी।
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