मोदी पर सोनिया का हमला, केंद्र का पैसा कहां गया?
अहमदाबाद। गुजरात चुनाव में नरेंद्र मोदी और सोनिया गांधी
के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। शुक्रवार को चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी मैदान में उतरीं। सूरत और जूनागढ़ की दोनों रैलियों
में सोनिया के निशाने पर मोदी रहे। सोनिया ने पूछा कि केंद्र की मदद के
बावजूद सौराष्ट्र इलाका बूंद-बूंद पानी को मोहताज क्यों है
। मालूम हो कि कि
सौराष्ट्र इलाके में 13 दिसंबर को चुनाव होने वाले हैं।सोनिया
गांधी ने अपने दौरे की शुरुआत मांडवी से की। मांडवी आदिवासी बहुल इलाका है
और कांग्रेस की नजर भी आदिवासियों के बडे वोट बैंक पर है। गुजरात की चुनावी
सियासत में आदिवासी वोट की अहमियत से कांग्रेस अच्छी तरह वाकिफ है।।
गुजरात की 14 फीसदी आबादी आदिवासियों की है। सूबे की 44 सीटों पर
आदिवासियों का दबदबा है।गुजरात में आदिवासियों का समर्थन अब तक
कांग्रेस को ही मिलता रहा है। 1985 में कांग्रेस लहर के पीछे भी आदिवासियों
के समर्थन की ताकत थी। लेकिन मोदी कांग्रेस के इस अभेद्य वोट बैंक में
सेंध लगाने की लगातार ताक में हैं। आदिवासी गणपत बसावा को विधानसभा अध्यक्ष
बनाकर उन्होंने कांग्रेस से आदिवासियों के रिश्ते पर जोर का हथौड़ा मारा
था।वहीं मांडवी से जूनागढ पहुंचते ही सोनिया का अंदाज ज्यादा
हमलवार हो उठा। सोनिया ने मोदीराज पर सवालों की बौछार कर दी। सोनिया ने
जनता के सामने सवालों की पूरी फेहरिस्त रखी। लेकिन मोदी पर निजी हमले करने
से पूरी तरह परहेज भी रखा। साफ लगा कि सोनिया 2007 की वो गलती नहीं दोहराना
चाहती जब उन्होंने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहकर बीजेपी के हाथों
में बड़ा मुद्दा थमा दिया था। इस बार सोनिया मोदी के कामकाज पर चोट कर रही
है, सरकार की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर रही है।
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