लैंड यूज बदलकर हुआ हजार करोड़ का घोटाला
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) द्वारा
आवंटित भूमि का लैंड यूज बदलकर लगभग एक हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। इसके
जांच में संस्था के कई अफसर फंस रहे हैं। एसआईटी ने घोटाले अवधि में किए गए
भू आवंटनों की पड़ताल शुरू
कर दी है। इसमें विभिन्न जिलों में
यूपीएसआईडीसी द्वारा लोगों को आवंटित किए गए भू-खंडों की सूची और उनकी मूल
श्रेणी व बाद में परिवर्तित श्रेणी के बारे में पड़ताल हो रही है। साथ ही
भू-खंडों के आवंटन में जमा कराई गई राशि के बारे में भी पता किया जा रहा
है। इस मामले की जांच राज्य सरकार ने एसआईटी को मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव के निर्देश पर दी थी। इस मामले में यूपीएसआईडीसी के वित्त नियंत्रक
सुशील कुमार, अधिशासी अभियंता संजय तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल वर्मा व
आरके चौहान के अलावा विभाग में तैनात रहे कुछ शीर्षस्थ अधिकारियों के नाम
आरोपियों में शामिल हैं। हाईकोर्ट
की लखनऊ पीठ ने यूपीएसआईडीसी में कथित धांधली की जांच छह माह में पूरी
करने के निर्देश एसआईटी को दिए हैं। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य
न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह व न्यायमूर्ति डीके अरोरा की खंडपीठ ने
बृहस्पतिवार को यह आदेश स्थानीय वकील त्रिपुरेश त्रिपाठी की पीआईएल पर
दिया। याची ने कोर्ट की निगरानी में शीघ्र जांच पूरी किए जाने का आग्रह
किया था। याची के वकील अशोक पांडेय ने बताया कि औद्योगिक विकास के
लिए बने यूपीएसआईडीसी में नोएडा में प्लॉट आवंटन में बड़े पैमाने पर धांधली
हुई। याची का आरोप था कि नोएडा में 11,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर कीमत
वाली 102 एकड़ जमीन एक निजी बिल्डर को महज 5000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की
दर से दे दी गई। इससे सरकारी खजाने को प्रतिवर्ग मीटर 6500 रुपये का नुकसान
हुआ।
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