दो दिनों की हडताल पर ट्रेड यूनियन
नई दिल्ली। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की
ओर से प्रस्तावित 2 दिन की स्ट्राइक बुधवार से शुरू होगी। भारतीय मजदूर संघ के लीडर
बी. एन. रॉय ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर सरकार की तरफ से कोई भी पुख्ता
वादा नहीं किया गया, मात्र आश्वासन ही दिए गए।
हमने सरकार से आग्रह किया
कि मांगों पर विचार को लेकर कम से कम कोई समयसीमा तो निर्धारित की जाए,
लेकिन इस पर भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला, इसीलिए हम लोगों ने बुधवार
को हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। स्ट्राइक खत्म
करवाने की सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुईं। मंगलवार की सुबह ट्रेड
यूनियनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रही। एक अनुमान
के मुताबिक इस स्ट्राइक से कम से कम 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
साथ ही आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एक अनुमान के मुताबिक करीब
लाखों सरकारी कर्मचारी इन यूनियनों से जुड़े हैं। इनके काम पर नहीं आने से इसका सीधा असर बैंकिंग, इंश्योरेंस, इनकम टैक्स, टेलिकॉम, पोस्टल, तेल और
गैस सेक्टर के कामकाज पर पड़ेगा। कई राज्यों में इसका असर आम आदमी से जुड़ी
कई चीजों पर पड़ने की उम्मीद की जा रही है। जहां, इन दो दिनों में दिल्ली,
बेंगलुरु और कटक में ऑटो रिक्शा पूरी तरह से बंद रहेंगे। वहीं, कई सरकारी
ऑफिसों में भी पूरी तरह से काम ठप रहेगा।