सरकार ने ली कब्जे में बाबा रामदेव की संपत्ति
शिमला। शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे एसपी सोलन, एसडीएम कंडाघाट दल-बल के साथ
साधुपुल परिसर पहुंचे। उन्होंने वहां चल रहे अनुष्ठान को खंडित कर परिसर पर
कब्जा कर लिया। एसडीएम कंडाघाट एलआर वर्मा ने डीएम सोलन की ओर से आर्डर पतंजलि योग
पीठ के संयोजक रामेश्वर दत्त कौशिक को दिया। पतंजलि योग पीठ को दिए गए
आर्डर में लिखा गया है कि कंपीटेंट अथॉरिटी ने आपकी लीज कैंसिल कर दी है।
लीज खत्म होने के बाद अब योगपीठ जमीन की मालिक नहीं है, इसलिए जमीन को
भवनों सहित सरकार के हवाले किया जाए। आर्डर मिलने के बाद कुछ देर चले ड्रामे के बाद योगपीठ ने परिसर खाली
कर दिया। शाम को डीसी और एसपी सोलन ने कब्जा लेने की रिपोर्ट मुख्य सचिव को फैक्स कर दी। जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार शाम करीब साढ़े
पांच बजे पूरे परिसर को सील कर दिया और जमीन के सरकारी अधिग्रहण का नोटिस
मुख्य गेट पर चिपका दिया। शुक्रवार सुबह करीब दस बजे जुन्गा बटालियन के जवानों से भरी चार बसें
निर्माणाधीन स्थल पर पहुंची। चप्पे चप्पे में जवानों की तैनाती हुई। डीसी
सोलन मीरा मोहंती और एसपी सोलन रमेश छाजटा ने पूरे अभियान को खुद लीड किया।
डीसी ने बताया कि सरकार के आदेशों के मुताबिक पतंजलि योगपीठ की यह लीज रद
कर पूरे 96 बीघा परिसर का कब्जा वापस ले लिया गया है। अब इस जमीन और
संपत्ति की मालिक सरकार है। भाजपा सरकार के समय स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री रहे डा. राजीव
बिंदल ने पूरी कार्रवाई को शर्मनाक कदम बताया है। इससे निवेशक राज्य के रूप
में हिमाचल की बदनामी पूरे देश में होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने
आयुर्वेद एवं पर्यटन विकास और जड़ी बूटियों के विपणन के नजरिए से यह कदम
उठाया था। लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे राजनीतिक रूप से देखा है।