विकिलीक्स का खुलासा : राजीव गांधी थे स्वीडिश कंपनी के मददगार
नई दिल्ली. विकिलीक्स ने इस बार अपने एक बड़े खुलासे
में दावा किया है कि दिवंगत राजीव गांधी ने 1970 के दशक में भारत को अपने
विगेन लड़ाकू विमान बेचने की कोशिश कर रही स्वीडिश कंपनी, साब-स्कैनिया के
लिए बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। विकिलीक्स ने यह दावा अमेरिकी दूतावास से
लीक हुए गोपनीय राजनयिक संदेशों के आधार पर किया है, यह खुलासा उसकी
वेबसाइट पर मौजूद है।
21 अक्टूबर, 1975 को नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से भेजे गए इस संदेश में स्वीडिश दूतावास के एक राजनयिक द्वारा अमेरिकी दूतावास को दी गई विस्तृत जानकारी शामिल है। जिसमें कहा गया है कि श्रीमती इंदिरा गांधी के पुत्र का विमान उद्योग से जुड़ाव है, जो इंडियन एयरलाइंस में पायलट के रूप में कार्यरत हैं, और पहली बार एक उद्यमी के रूप में हमने उनका नाम सुना है। गौरतलब है कि उस वक्त राजीव गांधी इंडियन एयरलाइंस के पायलट थे, जबकि उनकी मां इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। श्रीमती गांधी ने ब्रिटेन के खिलाफ अपने पूर्वाग्रह के कारण ब्रिटिश जगुआर न खरीदने का व्यक्तिगत निर्णय लिया है, जबकि उनका निर्णय मिराज और विगेन के बीच होना था। संदेश के अनुसार, मिराज लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांसीसी विमान निर्माता कम्पनी, दसॉल्ट के वर्ताकार तत्कालीन वायुसेना प्रमुख, एयर मार्शल ओ. पी. मेहरा के दामाद थे। विकिलीक्स के उक्त राजनयिक संदेश के संबंध में यह रिपोट सोमवार को समाचार-पत्र 'द हिन्दू' में प्रकाशित हुई। जिसमें कहा गया है कि स्वीडिश दूतावास के राजनयिक का कहना है कि मिराज की बिक्री के लिए दसॉल्ट के पास वार्ताकार के रूप में भारतीय एयर मार्शल मेहरा के दामाद है। एक अन्य संदेश में स्वीडिश राजनयिक ने कहा है कि अंतिम निर्णय में वह परिवार के प्रभाव के महत्व को समझते हैं। द हिन्दू' की रपट के अनुसार, भारत के साथ विगेन की कोशिश, अमेरिका के अपार हित में थी. जैसा कि एक संदेश में कहा भी गया है कि "विमान में बड़ी संख्या में अमेरिकी उपकरण व कल-पुर्जे लगे हैं, जिनकी तीसरे पक्ष को बिक्री यूएसजी नियंत्रण पर निर्भर करती है."
21 अक्टूबर, 1975 को नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से भेजे गए इस संदेश में स्वीडिश दूतावास के एक राजनयिक द्वारा अमेरिकी दूतावास को दी गई विस्तृत जानकारी शामिल है। जिसमें कहा गया है कि श्रीमती इंदिरा गांधी के पुत्र का विमान उद्योग से जुड़ाव है, जो इंडियन एयरलाइंस में पायलट के रूप में कार्यरत हैं, और पहली बार एक उद्यमी के रूप में हमने उनका नाम सुना है। गौरतलब है कि उस वक्त राजीव गांधी इंडियन एयरलाइंस के पायलट थे, जबकि उनकी मां इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। श्रीमती गांधी ने ब्रिटेन के खिलाफ अपने पूर्वाग्रह के कारण ब्रिटिश जगुआर न खरीदने का व्यक्तिगत निर्णय लिया है, जबकि उनका निर्णय मिराज और विगेन के बीच होना था। संदेश के अनुसार, मिराज लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांसीसी विमान निर्माता कम्पनी, दसॉल्ट के वर्ताकार तत्कालीन वायुसेना प्रमुख, एयर मार्शल ओ. पी. मेहरा के दामाद थे। विकिलीक्स के उक्त राजनयिक संदेश के संबंध में यह रिपोट सोमवार को समाचार-पत्र 'द हिन्दू' में प्रकाशित हुई। जिसमें कहा गया है कि स्वीडिश दूतावास के राजनयिक का कहना है कि मिराज की बिक्री के लिए दसॉल्ट के पास वार्ताकार के रूप में भारतीय एयर मार्शल मेहरा के दामाद है। एक अन्य संदेश में स्वीडिश राजनयिक ने कहा है कि अंतिम निर्णय में वह परिवार के प्रभाव के महत्व को समझते हैं। द हिन्दू' की रपट के अनुसार, भारत के साथ विगेन की कोशिश, अमेरिका के अपार हित में थी. जैसा कि एक संदेश में कहा भी गया है कि "विमान में बड़ी संख्या में अमेरिकी उपकरण व कल-पुर्जे लगे हैं, जिनकी तीसरे पक्ष को बिक्री यूएसजी नियंत्रण पर निर्भर करती है."