जागा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , नमूने भरे
कानपुर। गंगा में लाखों मछलियों की मौत के बाद प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड जागा है। शनिवार को बोर्ड की टीम ने शेखपुर, जाना गांव और अपस्ट्रीम
में पानी के नमूने लिए। अपस्ट्रीम में तीन नाले मिल रहे हैं। रिपोर्ट
मंगलवार तक आने की उम्मीद है।
वही यह भी आशंका जतायी जा रही है कि लाखों
मछलियों की मौत के पीछे अवैध ग्लू फैक्ट्रियां है। उधर, एनवायरमेंट
प्रिजर्वेशन सोसायटी के सुनील मांझी ने सोमवार को डीएम से प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड और जल निगम अफसरों की शिकायत करने का निर्णय लिया है। प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जाजमऊ के वाजिदपुर
स्थित जल निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास शेखपुर, प्योंदी, जाना
गांव से सटी गंगा में लाखों मछलियों की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया
कि प्लांट अक्सर बंद रहता है जिससे टेनरियों का पानी सीधे नदी में जाता है।
इसके अलावा प्लांट के आसपास अवैध ग्लू फैक्ट्रियां चल रही हैं। ग्रामीणों
का कहना है कि अवैध ग्लू फैक्ट्रियों के कारण ही मछलियों की मौत हुई है।
सुनील मांझी ने बताया कि प्लांट के आसपास एक दर्जन ग्लू फैक्ट्रियां हैं
जबकि संजयनगर में दो-तीन फैक्ट्रियां चल रही हैं। उधर, प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि प्लांट बंद होने के बाद जब अचानक पानी
छोड़ा गया तो नालियों में रुकी हुई गंदगी एकदम से नदी में पहुंच गई। इसी
वजह से मछलियां मर गईं। जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के जीएम
मुकेश कुमार ने कहा कि प्लांट के आसपास कई अवैध ग्लू फैक्ट्रियां चल रही
हैं। इन पर रोक लगाना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का काम है। प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी टीयू खान ने बताया कि सैंपल लिए गए हैं।
मंगलवार तक जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है।