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जनरल के बयान से मचा बवाल, सीबीआई जांच की मांग

नई दिल्‍ली। सेना प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार को गिराने के प्रयास संबंधी खबरों को लेकर निशाने पर चल रहे सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह ने दावा किया है कि राज्य में स्थायित्व के लिए कुछ मंत्रियों को धन दिया जाता है और यह आजादी के समय से चल रहा है। 
जनरल सिंह के इस बयान के बाद राज्य और केंद्र से इसको लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने वीके सिंह के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है। अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आर्मी के फंड का इस्तेमाल ऐसे हो रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी जांच होनी ही चाहिए। उधर, केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने वीके सिंह को ऐसे मंत्रियों का नाम जाहिर करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अगर सिंह नाम बता सकते हैं तो ऐसे मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में सत्ताधारी नैशनल कॉन्फ्रेंस ने वीके सिंह के बयान को खारिज कर दिया है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि देश और खासकर सेना के लिए यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व सेना प्रमुख इस तरह के आधारहीन बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनरल वीके सिंह शुरू से ही उमर सरकार विरोधी थे। उन्होंने कश्मीर में एक राजनीतिक पार्टी से गठजोड़ कर राज्य सरकार के खिलाफ लगातार कार्य किया। राणा ने सच सामने लाने के लिए न्यायिक या सीबीआई जांच करवाने की मांग की। पार्टी के मुस्तफा कमाल ने आरोप लगाया है कि सिंह अपने आचरण पर लगे आरोपों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।