आत्महत्या की कोशिश अब अपराध नहीं होगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार खुदकुशी की
कोशिश को अपराध की कैटिगरी से बाहर करने जा रही है। इसके लिए आईपीसी में
बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसा करने के लिए सरकार आईपीसी की धारा
309 को खत्म करने जा रही है। यह सूचना गृह मंत्रालय ने संसद को दे दी
है।
इसके तहत आत्महत्या की कोशिश के आरोप में एक साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। गृह
राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि आत्महत्या की
कोशिश को अपराध के दायरे से बाहर करने पर विचार-विमर्श चल रहा है। हाल ही में लॉ कमिशन की एक
रिपोर्ट में ऐसी सिफारिश की गई थी। 'ह्यूमनाइजेशन ऐंड डिक्रिमिनलाइजेशन ऑफ
सूइसाइड' नाम की इस रिपोर्ट में माना गया था कि खुदकुशी की कोशिश करने वाला
व्यक्ति किसी मजबूरी के तहत ही ऐसा करता है इसलिए इसे अपराध मानना ठीक
नहीं होगा। इस सिफारिश को मानते हुए सरकार ने खुदकुशी को अपराध की श्रेणी
से हटाने का फैसला किया है। एक सवाल के लिखित जवाब में रिजिजू ने कहा कि गृह मंत्रालय आईपीसी की धारा 309 को हटाने की प्रक्रिया में है। दरअसल विधि आयोग ने इसकी सिफारिश की है। आयोग अपराध दंड संहिता और भारतीय दंड संहिता के कुछ खंडों में संशोधन के भी पक्ष में है। रिजिजू
ने बताया, "विधि आयोग ने आत्महत्या को अपराध के दायरे से बाहर रखने के
संबंध में अपनी 210वीं रिपोर्ट में धारा 309 को कानून की किताब से हटाने की
सिफारिश की है क्योंकि यह प्रावधान अमानवीय है।