गौड़ा से छिनेगा रेल मंत्रालय, सुरेश प्रभु को मिलेगा ?
नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले इस बात के पर्याप्त संकेत मिले हैं कि रेल
मंत्री सदानंद गौड़ा का मंत्रालय बदला जाएगा और शिवसेना नेता सुरेश प्रभु
को सरकार में शामिल किया जाएगा।
सरकार चाहती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के
क्षेत्र में तेजी से काम हो। नए मंत्रियों को शपथ रविवार दोपहर एक बजे
राष्ट्रपति भवन में दिलायी जाएगी। सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार बीजेपी
और उसकी सहयोगी पार्टी से जुड़े डेढ़ दर्जन नेताओं को पद और गोपनीयता की
शपथ दिलाई जा सकती है।बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि
इंफ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से महत्वपूर्ण रेल मंत्रालय में नेतृत्व परिवर्तन
को लेकर विचार चल रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के सबसे बड़े
उपक्रम के काम में तेजी लाना चाहते हैं। वैसे, अगले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया में
होने वाली जी 20 की बातचीत को लेकर सुरेश प्रभु पहले से ही सरकार के साथ
काम कर रहे हैं। इसके अलावा योजना आयोग की जगह प्रस्तावित संस्था के मुखिया
के तौर पर भी उनका नाम चल रहा है। शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए
दो नाम मांगे गए थे। जानकारी के मुताबिक, शिवसेना ने अब तक नाम नहीं बताए
हैं। इस देरी की वजह शिवसेना की रणनीति बताई जा रही है, जिसके तहत वह
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में अपने मंत्रियों की संख्या बढ़ाना
चाहती है। हालांकि, बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि शिवसेना का रुख चाहे
जो हो सुरेश प्रभु को लेकर चल रही योजना पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार की चिंता की वजह से संचार मंत्रालय को भी एक
पूर्णकालिक मंत्री मिल सकता है। फिलहाल रविशंकर प्रसाद आईटी और कानून एवं
न्याय मंत्रालय के साथ संचार मंत्रालय का भी काम देख रहे हैं। फिलहाल यह
साफ नहीं है कि प्रसाद आईटी एवं कानून और न्याय मंत्रालय का कार्यभार
छोड़ेंगे या किसी दूसरे शख्स को संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जाएगी। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़ा एक और मंत्रालय है ग्रामीण विकास
मंत्रालय। गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इसका
अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय को भी पूर्णकालिक
मंत्री मिलने की पूरी संभावना है।रेलवे मोदी सरकार के अजेंडे
में सबसे अहम मुद्दों में शामिल है। चुनाव अभियान के दौरान और प्रधानमंत्री
बनने के बाद भी मोदी कई बार कह चुके हैं कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का
आधुनिकीकरण, ज्यादा तेज गति वाली बुलेट ट्रेनें और सुविधाएं बढ़ाना उनकी
प्राथमिकताओं में शुमार है।