ई-रिक्शा के वास्ते मोटर वाहन अधिनियम में हुआ संशोधन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल
ने आज मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 7 (1) में संशोधन करते हुए और
अधिनियम के तहत ई-रिक्शा एवं ई-गाड़ी की परिभाषा को शामिल करते हुए
ई-रिक्शा तथा ई-गाडि़यों के ड्राइवरों को लाइसेंस मंजूरी में आने वाली
कठिनाइयों को हटाने वाले प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी।
ई-रिक्शा और ई-गाडि़यां परिवहन प्रणाली में अंतिम छोर तक किफायती एवं
स्वच्छ कनेक्टिविटी मुहैया कराती हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
ने ई-रिक्शा और ई-गाडि़यों को कानूनी दायरे में लाने के लिए मोटर वाहन
अधिनियम, 1988 के तहत नियमों को अधिसूचित किया है। इसके तहत वाहनों के
पंजीकरण से पहले सुरक्षा मानकों की खातिर प्रारूप को मंजूरी के लिए परीक्षण
सुनिश्चित किए गए हैं। इस तरह के वाहनों को सीमित गति की इजाजत दी गई है।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत किसी भी व्यक्ति को एक परिवहन वाहन चलाने
के लिए लर्नर लाइसेंस तब तक नहीं दिया जाता है जब तक कि उसके पास कम से कम
एक साल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस न हो। चूंकि ई-रिक्शा और ई-गाडियां चलाने
वाले ज्यादातर ड्राइवरों के पास कोई लाइसेंस नहीं होता है, इसलिए मौजूदा
प्रावधान उन्हें अगले एक साल तक ई-रिक्शा/ई-गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं
देगा। इस कठिनाई को दूर करने और ई-रिक्शा तथा ई-गाडि़यों का परिचालन आसान
बनाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम,
1988 की धारा 7 (1) में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है। हालांकि, इसके
तहत केवल ई-रिक्शा और ई-गाडि़यों के ड्राइवरों को ही ढील दी जायेगी। इसके
अलावा, ई-रिक्शा और ई-गाड़ी की परिभाषा को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत
शामिल किया गया है।