भारत की लापरवाही, लंदन का आंबेडकर हाउस होगा नीलाम
लंदन। लंदन में पढ़ाई के दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर जिस तीन मंजिला घर में रहे थे, वह बिकने जा रहा है ।
भारत सरकार के इस मकान को खरीदने में रुचि नहीं दिखाने पर अब इसे नीलामी
के लिए उतारा जाएगा और इसकी कीमत 40 करोड़ रुपये रखी गई है।
2,050
वर्ग फीट के इस मकान में आंबेडकर 1920-21 में लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स
में पढ़ने के दौरान रहे थे। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल
सितंबर में केंद्र सरकार और ब्रिटिश डेप्युटी हाई कमिशन को भारत की ओर से
इस मकान की बोली लगाने के बारे में लिखा था।मकान को बेच रही एक मार्केटिंग और प्रॉपर्टी एजेंसी ने मुंबई मिरर को
बताया है कि उसके बाद से भारत ने लंदन के किंग हेनरी रोड पर बने इस मकान को
लेने की दिशा में कोई पहल नहीं की। एजेंसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने
की शर्त पर बताया कि भारत सरकार के इस मकान में कोई रुचि नहीं दिखाने पर
इसके लिए नए खरीददार तलाशे जा रहे हैं। पहले इस मकान में छह
बेडरूम और एक टेरस था, लेकिन अब इसमें वन बेडरूम गार्डन फ्लैट और पांच
बेडरूम अलग से निकाले गए हैं। इस मकान की मरम्मत भी की जानी है। मकान के
मुख्य द्वार पर आंबेडकर के नाम की नीली रंग की पट्टी लगी है। इस
बारे में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है,
'मेरी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा होने के समय भी केंद्र सरकार से इस मकान
को खरीदने को कहा था। यह एक इंटरनैशनल ट्रांजैक्शन होगा, इसलिए केंद्र
सरकार ही इसे खरीद सकती है। पता नहीं, बाद में क्या हुआ।'लंदन
में रहे रहे आंबेडकरवादी ऐक्टिविस्ट एमएस बहल ने इसे शर्मनाक स्थिति बताया
है कि देश की धरोहर को बचाने के लिए केंद्र सरकार से अपील करनी पड़ रही है।
डॉ. आंबेडकर के पोते और दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने बताया कि सरकार ने
उन्हें इस धरोहर को खरीदने और सहेजने का भरोसा दिलाया है।