बजट सत्र में खादी और रामदेव पर होगा हंगामा
नई दिल्ली। सरकार संसद के बजट सत्र में बिल लाने की तैयारी में है, जिससे खादी ग्रामोद्योग पर रामदेव के पंतजलि संस्थान का कुछ कंट्रोल हो सकता है। इसके तहत जहां सरकार की ओर से संचालित खादी स्टॉल पर पतंजलि संस्थान के प्रॉडक्ट मिलेंगे।
वहीं, सरकारी खादी ग्रामोद्योग की क्वॉलिटी और रिसर्च का पूरा जिम्मा पतंजलि के पास होगा।विपक्षी दलों ने इसे रामदेव की ओर से मोदी सरकार को दिए गए समर्थन की कीमत बताया। हालांकि सरकार की ओर से अब तक औपचारिक प्रस्ताव सामने नहीं आया है। लेकिन लघु उद्योग मंत्रालय, जिसके तहत खादी ग्रामोद्योग आता है, ने संकेत दिया है कि एक सरकारी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस मसले पर रामदेव ने मंत्रालय में लंबा प्रेजेंटेशन भी दिया था। पूरे देश में खादी ग्रामोद्योग के 7050 संस्थान हैं।जेडीयू के प्रवक्ता और संसद की औद्योगिक समिति के अध्यक्ष केसी त्यागी ने कहा कि अब तक उनके पास खादी ग्रामोद्योग के 60 साल पुराने स्वरूप को बदलने के बारे में कोई प्रस्ताव नहीं आया है। अगर यह बिल आता है तो वह इसका विरोध करेंगे और पूरा विपक्ष एकजुट होगा। इस मुद्दे पर वह लघु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र के सामने अपना विरोध दर्ज कराएंगे। इस मुद्दे पर दूसरे विपक्षी दलों से संपर्क है और सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे को जोरदार-तरीके से उठाया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग को रामदेव के संस्थान से जोड़कर मोदी सरकार रामदेव से बीजेपी को मिले समर्थन की कीमत चुका रही है।