अमेरिकी अदालत में मोदी के खिलाफ दायर याचिका खारिज
न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गुजरात दंगों को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए अमेरिका में दायर याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। मानवाधिकार के लिए काम करने वाले अमेरिकन जस्टिस सेंटर ने पिछले साल गुजरात दंगों को लेकर मोदी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
न्यू यॉर्क की एक संघीय अदालत की जज एनालिसा टोरेस ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि एक विदेशी सरकार के वर्तमान प्रमुख होने के कारण उन्हें कोर्ट की कार्यवाही से छूट प्राप्त है। जज ने कहा कि अमेरिकी सरकार यह कह चुकी है कि सरकार के प्रमुख होने के नाते वह कानून से छूट पाने के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत खारिज की जाती है और मामला बंद करने का निर्देश दिया जाता है।
यह केस सितंबर में मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले सुर्खियों में आया था। न्यू यॉर्क की संघीय अदालत ने मोदी के खिलाफ समन जारी कर नोटिस तामील होने के 21 दिन के भीतर जवाब मांगा था। इसके बाद ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मोदी को अमेरिकी अदालतों में केस से राजनयिक छूट हासिल है और उन्हें कोई भी अदालती समन तामील नहीं कराया जा सकता है।
भारत ने भी पीएम के खिलाफ अमेरिकी अदालत में लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था कि यह केस मोदी के अमेरिका दौरे से ध्यान भटकाने की एक तुच्छ कोशिश है। उन्होंने बताया कि समन के मद्देनजर उचित कदम उठाया जाएगा। भारतीय मूल के मशहूर अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने याचिका को स्टंट करार दिया था। उनके अनुसार, 'याचिका बेमतलब है। राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मोदी को राजनयिक छूट का विशेषाधिकार प्राप्त है। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए याचिका दायर की गई।'