मोदी सरकार और आरएसएस में मनमुटाव ?
नई दिल्ली. आरएसएस और इससे जुड़े संगठनों के कट्टर हिंदूवादी बयानों से सरकार पर हुए विपक्ष के हमले के बाद आरएसएस ने यह तो तय किया है कि सरकार को अभी काम करने दिया जाएगा, लेकिन सरकार और आरएसएस के बीच मनमुटाव की झलक मिलनी शुरू हो गई है।
आरएसएस इंश्योरेंस में एफडीआई और भूमि अधिग्रहण ऑर्डिनेंस पर सरकार से नाराज है तो पीएम का आरएसएस से जुड़े लोगों का लगातार कट्टर बयान देना नागवार गुजर रहा है। अब आरएसएस और बीजेपी के बीच कॉर्डिनेशन देख रहे आरएसएस के सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने पहली बार संकेत दिए हैं कि आरएसएस मोदी मंत्रिमंडल से खुश नहीं है।
मोदी से खुश, कैबिनेट से नाराज कृष्ण गोपाल ने एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ तो की, लेकिन इसके साथ ही संकेत दिया कि वह उनकी सरकार के कई फैसलों से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ अकेले पीएम के ईमानदार होने से कुछ नहीं होगा। हम सबको उनके साथ काम करना होगा। आरएसएस के सीनियर पदाधिकारी ने कहा कि आरएसएस मोदी कैबिनेट के कुछ लोगों से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस बीजेपी पर फिलहाल अपना अजेंडा लागू करने के लिए दबाव नहीं बना रही है, लेकिन सरकार के कई ऐसे फैसले हैं जिनसे आरएसएस खुश नहीं है। उन्होंने कहा इंश्योरेंस में एफडीआई बढ़ाने का आरएसएस लगातार विरोध कर रही है। इसके साथ इससे जुड़े संगठन भी इसके खिलाफ हैं।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का आरएसएस का मजदूर संगठन और स्वदेशी जागरण मंच विरोध कर रहे हैं। आरएसएस की सरकार को लेकर अपनी शिकायतें हैं। पीएम मोदी की आरएसएस से जुड़े लोगों को लेकर अपनी शिकायतें हैं। आरएसएस के एक पदाधिकारी के मुताबिक अभी सरकार को उसके हिसाब से काम करने में कोई दखल नहीं दे रहा है, पर हम अपना काम जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ वक्त देने के बाद हम अपने एजेंडे को मुखर ढंग से उठाना शुरू करेंगे। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान आरएसएस का अजेंडा लागू करने को लेकर बीजेपी और आरएसएस के बीच काफी टकराव दिखा था।