विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा भारत: मोदी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को बड़े सपने देखने को कहा। उन्होंने पहली बार देश के लिए आर्थिक और विकास के अपने सिद्धांत को पेश किया । उन्होंने कहा की भारत के नए युग का सूत्रपात हो गया है। देश 'बगैर उपलब्धियों' वाले पतझड़ के मौसम से नए बसंत के मौसम में प्रवेश कर रहा है।
शुक्रवार को ईटी ग्लोबल बिजनस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए एक सवाल पूछा, 'भारत आज 2 डॉलर ट्रिलियन की इकॉनमी है। क्या हम इसे 20 डॉलर ट्रिलियन की इकॉनमी बनाने का सपना नहीं देख सकते हैं?'
उन्होंने अपने संबोधन में विकास के नरेंद्र मोदी सिद्धांत को विस्तार में समझाया। उन्होंने कहा, 'सरकार को एक ऐसे इकोसिस्टम को बढ़ावा देना चाहिए जहां इकॉनमी आर्थिक वृद्धि के लिए प्रधान हो और आर्थिक वृद्धि सर्वांगीण विकास को बढ़ावा दे। जहां विकास का मतलब नौकरी के अवसर पैदा करना हो और रोजगार को कौशल से सक्षम बनाया जाए। जहां कौशल उत्पादन के साथ-साथ चले और उत्पादन गुणवत्ता का बेंचमार्क हो। जहां क्वॉलिटी ग्लोबल स्टैंडर्ड को पूरा करे और ग्लोबल स्टैंडर्ड से संपन्नता आए। और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस संपन्नता से देश में सभी का भला हो। यह मेरा इकनॉमिक गुड गवर्नेंस और सर्वांगीण विकास का कॉन्सेप्ट है।'
उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा सभी भारतीयों को ऊपर उठाने की है, खासतौर पर गरीब से गरीब वर्ग को भी ऊपर लाना है। महात्मा गांधी को याद करते हुए मोदी ने कहा, 'गरीबी को समाप्त करना मेरे लिए बुनियादी काम है। यह समावेशी विकास की मेरी समझ है। उन्होंने इस बात को माना कि यह काम इतना आसान नहीं है।
उन्होंने पिछले दो वित्त वर्षों से ग्रोथ को 5 फीसदी से नीचे रहने के संदर्भ में कहा, 'तेजी से बढ़ती हुई इकॉनमी के निर्माण के लिए सिर्फ तेज और आसान सुधार ही काफी नहीं होंगे। यही हमारी चुनौती है और यही करना हमारा लक्ष्य है।' उन्होंने कहा, 'इसके लिए कठिन परिश्रम, निरंतर संकल्प और मजबूत एडमिनिस्ट्रेटिव ऐक्शन की आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन हम निराशा के माहौल पर काबू पा सकते हैं।
पिछले साल आम चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद बीजेपी के नेतृत्व में मई में सरकार बनी थी जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने। उस समय से ग्रोथ को बढ़ाने, निवेशकों को आकर्षित करने, नौकरी के अवसर पैदा करने, भारत को मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाने, शासन में सुधार लाने और वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं और कुछ अभी करना है।
पीएम ने नई दिल्ली के ताज पैलेस होटेल के दरबार हॉल में ईटी ग्लोबल बिजनस समिट में 700 स्पीकरों और गेस्ट्स के बीच हेडलाइन बनाई। श्रोतागण में नोबल विजेता पॉल क्रुगमैन, स्वतंत्र व्यापार गुरु जगदीश भगवती और ब्लैक स्वान के लेखक नसीम निकोलस तालिब शामिल थे। ईटी समिट से उम्मीद करते हैं कि सरकार के समक्ष अपने नए और अभिनव विचार प्रस्तुत करेंगे।