24x7 आपकी निगरानी करायेगी सरकार
नई दिल्ली। भारत सरकार जल्द यह पता लगाएगी कि भारत में लोग अपने 24 घंटे का इस्तेमाल किस तरह करते हैं। यह डेटा इंटरनेट/फोन/टीवी पर ज्यादा वक्त गुजारने जैसे मसले पर बहस के
लिए भी अतिरिक्त मसाला मुहैया करा सकता है।यह ऐसा आंकड़ा होगा, जिसकी मिसाल पैरंट्स अपने बच्चों या बच्चे अपने पैरंट्स के सामने दे सकेंगे।
हालांकि, सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस से जुड़े इस ऑल इंडिया टाइम यूज सर्वे
का मुख्य फोकस महिलाओं पर होगा। दरअसल, ज्यादातर स्टडीज में घरेलू कामकाज
यानी खाना बनाने, साफ-सफाई, बच्चों का होमवर्क कराने, पति के पैंट की
इस्त्री जैसे कामों से जुड़े आंकड़ों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। सर्वे
के लिए लगभग 1,000 गतिविधियों की पहचान करने वाली कमिटी के चेयरमैन और
अर्थशास्त्री एस आर हाशिम ने कहा, 'महिलाएं मल्टी-टास्किंग करती हैं,
जिनमें कुकिंग, सिलाई, बच्चों को स्कूल पहुंचाने से लेकर नौकरी तक शामिल
हैं। हालांकि, ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट यानी जीडीपी में इनमें से ज्यादातर
कार्यों को शामिल नहीं किया जाता है।'सर्वे में गैंबलिंग, फिल्म
देखने, जॉब इंटरव्यू के लिए तैयारी करने, योग और यहां तक कि ड्रिंक एंजॉय
करने जैसी गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। इसके पीछे मकसद यह जानना है
कि भारत में लोग अपने 24 घंटे का इस्तेमाल किस तरह करते हैं। जीडीपी की
गणना करते वक्त देश में तैयार गुड्स और सर्विसेज पर गौर किया जाता है। यह
सर्वे नैशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) या किसी बाहरी एजेंसी से
कराया जा सकता है। सर्वे के सवालों में सोशल मीडिया का भी जिक्र होगा यानी
कोई शख्स दिनभर में वॉट्सएप या फेसबुक पर कितना समय बिताता है? बाकी जवाब
महिलाओं से भेदभाव और पुरुषों-महिलाओं की समान रुचियों के बारे में खुलासा
कर सकते हैं यानी क्या मर्द भी शॉपिंग और साज-संवार में महिलाओं जितना टाइम
देते हैं? और कुछ नहीं करते हुए लोगों का कितना वक्त गुजरता है? हाशिम
ने बताया, 'दो राज्यों- गुजरात और बिहार में हुए पायलट प्रॉजेक्ट के आधार
पर हमने सवालों की लिस्ट बनाई है। सैंपल मॉडल भी तैयार है। यह सर्वे कई
स्टडीज का आधार बनेगा और इससे कई तरह के ट्रेंड और मिथकों के बारे में भी
पता चल सकेगा।'इस दिलचस्प सर्वे में कुछ मजेदार गतिविधियों के बारे में
भी जानकारी मिल सकेगी। मसलन- क्लब में पार्टी करने, रेस्ट्रॉन्ट जाने,
परीक्षा के लिए तैयारी करने, ऑफिस के लिए जगह देखने आदि में लोग कितना वक्त
लगाते हैं। टाइम के इस्तेमाल से जुड़े इस सर्वे के जरिये लाइफ की क्वॉलिटी
और घरेलू काम के लिए समय के आवंटन, ट्रांसपोर्टेशन, मनोरंजन आदि पहलुओं के
बारे में पड़ताल की जा सकेगी। स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने
बताया, 'सर्वे के लिए जमीनी काम हो चुका है। जल्द ही सर्वे एजेंसी का चुनाव
किया जाएगा।'