BCCI चुनावों में 'किंगमेकर' बनेगी BJP
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एन श्रीनिवासन के बीसीसीआई प्रेजिडेंट का चुनाव
फिर से लड़ने का सपना टूट गया। सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के
बीसीसीआई का चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी । अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि
बीसीसीआई के वे सदस्य जो व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े हों वे बोर्ड का
चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अब चुनाव जीतने के लिए जरूरी 16
वोट जुटाने के लिए बीजेपी का समर्थन महत्वपूर्ण होगा।
अगर श्रीनिवासन चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं तो उनके
ग्रुप के ज्यादा समर्थक अब नेतृत्वविहीन होंगे और उनके पास 31 सदस्यों के
हाउस में बहुमत जुटाने के लिए कोई उम्मीद नहीं बचेगी। ऐसी स्थिति में उनकी
कोशिश प्रेजिडेंट के तौर पर एक कठपुतली कैंडिडेट को उतारने और फिर उसे
समर्थन देने के लिए बीजेपी को मनाने की होगी, जिसका बीसीसीआई की 8 इकाइयों
पर 'नियंत्रण' है। ऐसे में बहुमत जुटाने और चुनाव जीतने के लिए जरूरी 16
वोट जुटाने के लिए बीजेपी का समर्थन महत्वपूर्ण होगा।अगर सबुकछ ठीकठाक
चले तो यह श्रीनि ग्रुप के लिए एक रोचक गेमप्लान हो सकता है। सबसे पहले
रूलिगं ग्रुप को प्रेजिडेंट पद के लिए एक ऐसा कैंडिडेट खोजना होगा जो
बीजेपी को भी मंजूर हो। लेकिन यह देखना बाकी है कि साफ-सुथरे शासन के वादे
के साथ सत्ता में आई बीजेपी श्रीनिवासन या उनके ग्रुप का साथ देगी या नहीं। वहीं
दूसरी तरफ यह बीसीसीआई में शरद पवार के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी समूह
के लिए यह एक अच्छी खबर है। गुरुवार को आईसीसी और बीसीसीआई के पूर्व चीफ
शरद पवार ने बीसीसीआई के सभी सदस्यों से भारतीय क्रिकेट की इमेज को बरकरार
रखने के लिए साथ आने का आह्वाहन किया। खबरों के मुताबिक पीठ की सर्जर से
उबर रहे पवार एक और टर्म के लिए बीसीसीआई प्रेजिडेंट का चुनाव लड़ सकते
हैं। पवार को पूर्व बीसीसीआई अध्यक्षों शशांक मनोहर और इंद्रजीत बिंद्रा का
समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा पवार को पूर्व सदस्यों अजय शिरके, संजय
जगदाले और चिरायु अमीन, जिनकी छवि साफ-सुथरी का भी समर्थन हासिल है। लेकिन
पवार के ग्रुप के साथ समस्या यह है कि बिना बीजेपी के समर्थन के उनको भी
बहुमत हासिल नहीं हो पाएगा। हालांकि पवार के कद और पहचान से बड़ा शायद ही
बीसीसीआई में और कोई है लेकिन उनके विरोधी इस बात को उठाएंगे कि उनके
बीसीसीआई प्रेजिडेंट रहने के दौरान ही उस 6.2.4 धारा में संसोधन किया गया
था जिससे बीसीसीआई अधिकारियों को व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ने की छूट
मिल गई थी और जिसके कारण हितों के टकराव का मुद्दा उठा जिसे गुरुवार को
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। श्रीनिवासन ग्रुप आईसीसी और बीसीसीआई के
पूर्व प्रेजिडेंट जगमोहन डालमिया या बीसीसीआई के वर्तमान वाइस प्रेजिडेंट
राजीव शुक्ला में से किसी को प्रेजिडेंट पद के लिए खड़ा करना चाहता है।
जहां तक डालमिया की बात है तो उनके साथ विश्वास की कमी का मामला जुड़ा है
जबकि राजीव शुक्ला आईपीएल के विवादास्पद छठे संस्करण के कमिश्नर थे और यह
बात उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ जाती है।