सलामी नहीं देने पर उपराष्ट्रपति के ऑफिस ने दी सफाई
नई दिल्ली. राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में
राष्ट्रगान बजने के समय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा राष्ट्र ध्वज को
सलामी नहीं देने को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़े विवाद के बाद उनके कार्यालय
ने बयान जारी कर साफ किया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक इसकी आवश्यकता नहीं है।
संयुक्त
सचिव और उपराष्ट्रपति के ओएसडी गुरदीप सप्पल ने बयान जारी कर कहा,
'प्रोटोकॉल के मुताबिक, जब राष्ट्रगान बजता है तो उस कार्यक्रम के प्रमुख
और वर्दी में मौजूद लोग सलामी देते हैं और जो लोग सिविल ड्रेस में होते
हैं, उन्हे सावधान की मुद्रा में खड़ा होने की जरूरत होती है। गणतंत्र दिवस
परेड के दौरान भारत के राष्ट्रपति सेना के सर्वोच्च कमांडर के नाते सलामी
लेते हैं और प्रोटोकॉल के मुताबिक उपराष्ट्रपति को सावधान की मुद्रा में
खड़ा होना चाहिए।'सप्पल ने कहा कि जब उपराष्ट्रपति किसी कार्यक्रम में
प्रमुख अधिकारी के रूप में मौजूद होते हैं, तो वह राष्ट्रगान के दौरान
पगड़ी पहनकर सलामी देते हैं जैसा कि इस साल एनसीसी शिविर में हुआ। गणतंत्र
दिवस समारोह के तुरंत बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के तिरंगे को सलामी देने और
अंसारी के ऐसा नहीं करने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसको लेकर
कुछ लोगों ने अंसारी पर हमला बोल दिया जबकि कई अन्य लोगों ने तीखी
प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इसे तूल देना 'गैरजरूरी और शर्मनाक' है।