प्रशांत भूषण का पासपोर्ट रिन्यू नहीं करने पर सरकार को नोटिस
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आप नेता और जाने-माने वकील प्रशांत भूषण के पासपोर्ट रिन्यूअल के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि किस आधार पर प्रशांत भूषण का पासपोर्ट रिन्यू नहीं किया गया ।
विदेश मंत्रालय के प्रशांत भूषण के पासपोर्ट रिन्यू करने से इनकार करने पर उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली थी। प्रशांत पर ट्रैफिक रूल तोड़ने का आरोप है।
हाई कोर्ट बेंच के जज राजीव शकधर ने सरकार से पूछा है कि अगर किसी के पास वैलिड पासपोर्ट है और उसके खिलाफ ट्रैफिक रूल तोड़ने की छोटी सी शिकायत है तो क्या आप उसका पासपोर्ट रिन्यू करने से रोक सकते हैं?
कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर कोई अदालत पार्सपोर्ट जब्त करती है या किसी की विदेश यात्रा पर रोक लगाती है तब ही पासपोर्ट के रिन्यूअल पर रोक लगाई जा सकती है।
हाई कोर्ट ने कहा कि किसी शख्स पर क्रिमिनल केस पेंडिंग होने पर उसे कोर्ट से मिलने वाले 'नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट' की वैधता की भी पड़ताल की जाएगी। नियमों के मुताबिक अगर अदालत रिन्यूअल के लिए कोई बाध्यता नहीं रखती है तो एक साल के लिए पासपोर्ट जारी किया जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।
प्रशांत भूषण न सिर्फ दिल्ली में बीजेपी को हराने वाली आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से हैं, बल्कि गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए काम करने वालीं सोशल ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के भी वकील हैं।
(IMNB)