विदेशी राजनयिकों को डरा रही है दिल्ली की हवा
नई दिल्ली. दिल्ली की खराब एयर क्वॉलिटी को देखते हुए अमेरिका, जापान और जर्मनी अपने दूतावास के कर्मचारियों की पोस्टिंग को तीन साल से घटाकर दो साल करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। दिल्ली के प्रदूषित वातावरण की वजह से इन देशों को अपने नागरिकों की सेहत की चिंता सता रही है ।
दूतावासों के कर्मचारियों के मुताबिक, इस फैसले से डिप्लोमैट्स और उनके परिवार के लोगों को दिल्ली के प्रदूषित वातावरण के खतरनाक असर से बचाने में मदद मिलेगी। पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा है। हालांकि इस तरह के फैसले से भारत सरकार की फजीहत होगी , खासकर ऐसे समय जब भारत दुनिया के सामने खुद को वर्ल्ड पावर के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिशों में जुटा है।
पिछले कुछ समय से विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के बीच दिल्ली की खराब एयर क्वॉलिटी को लेकर बातचीत होती रही है। डिप्लोमैटिक सूत्रों ने बताया कि अब राजदूत और दूतावासों में काम करने वाले अधिकारी खराब सेहत के लिए दिल्ली के प्रदूषित माहौल को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। हाल में कई दूतावासों की बैठक के दौरान इस मसले पर चर्चा भी की गई है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि तीनों देश दूतावास में काम करने वाले कर्मचारियों की भारत में पोस्टिंग की अवधि को घटाने के बारे में कोई फैसला ले सकते हैं। हालांकि तीनों देशों के दूतावासों ने इस मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया।
डिप्लोमैटिक सूत्रों ने बताया कि अगर ये तीनों देश अपने दूतावास के कर्मचारियों की भारत में पोस्टिंग का समय कम करते हैं तो अन्य यूरोपीय देश भी ऐसा कदम उठा सकते हैं। दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर दुनिया में सबसे अधिक है। एनवॉयरमेंट में इस तरह के प्रदूषणकारी तत्वों की वजह से सांस लेने में तकलीफ, लंग कैंसर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सरकार के आंकड़ों के हवाले से पिछले साल मई में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने दिल्ली के एनवॉयरमेंट में प्रति घन मीटर हवा में 153 माइक्रोग्राम्स पार्टिकल होने का दावा किया था।
यह दुनिया के औसत के मुकाबले 15 गुना अधिक है। खराब एयर क्वॉलिटी के मामले में दुनिया के 20 बदतर शहरों में भारत के 11 शहर आते हैं। दिल्ली की खराब एयर क्वॉलिटी को देखते हुए दूतावासों ने कई कदम उठाए हैं। जापानी दूतावास में काम करने वाले कर्मचारियों को जहां दिल्ली की पोस्टिंग के दौरान हर साल लंबी छुट्टी दी जाती है, वहीं अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा की यात्रा के दौरान अमेरिकी दूतावास ने सैंकड़ों की संख्या में एयर प्यूरिफायर्स लगाए थे। यूरोपीय यूनियन मिशन ने भी अपने दफ्तर और अधिकारियों के घर में एयर प्यूरिफायर लगा रखा है।
(IMNB)