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'रेपिस्ट' भारतीय स्टूडेंट को जर्मनी में इंटर्नशिप नहीं

नई दिल्ली। भारत के एक स्टूडेंट को जर्मनी की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने भारत में 'रेप की समस्या' के चलते इंटर्नशिप देने से इनकार कर दिया। इस मामले पर विवाद बढ़ने से पहले भारत में जर्मनी के राजदूत मिशएल श्टाइनर ने हरकत में आते हुए प्रोफेसर को एक तीखी चिट्ठी लिखी है।
प्रोफेसर ऐनेट बेक-शिकिन्जर को लिखी चिट्ठी में श्टाइनर ने कहा है कि भारत बलात्कारियों का देश नहीं है। बायॉकेमिस्ट्री इंस्टिट्यूट की प्रोफेसर शिकिन्जर ने एक भारतीय छात्र को यह कहते हुए इंटर्नशिप देने से इनकार कर दिया कि भारत में रेप कल्चर है। उन्होंने यहां तक है कहा कि यूरोप में कई महिला टीचर्स भारतीय छात्रों को लेने से इनकार कर रही हैं। हालांकि बाद में प्रोफेसर शिकिन्जर ने माफी मांगी। जर्मन दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने लिखा, 'मुझसे गलती हो गई है। जिस किसी की भावनाओं को मैंने आहत किया है, मैं उनसे माफी चाहती हूं।' मुझे ऐसा बताया गया है कि एक भारतीय छात्र को 'रेप की समस्या' के चलते इंटर्नशिप देने से इनकार कर दिया गया है। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरी इस पर सख्त आपत्ति है। 2012 के निर्भया रेप केस के बाद महिलाओं के खिलाफ हिंसा की ओर ध्यान फिर से केंद्रित हुआ। रेप भारत में एक गंभीर समस्या है, ठीक वैसे ही जैसे जर्मनी समेत दुनिया के दूसरे देशों में है। भारत में निर्भया केस ने एक बेहद ईमानदार और स्वस्थ बहस को जन्म दिया, एक ऐसी बहस जो बहुत सारे देशों में संभव भी नहीं होगी। भारत की सरकार और भारतीय समाज इस समस्या से लड़ने में बेहद प्रतिबद्ध है। हमने कल दिल्ली के जर्मन दूतावास में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जिसमें पुरुषों समेत कई स्थानीय कार्यकर्ता शामिल हुए। आपने जिस तरह मुद्दे का भेदभावपूर्ण अति सरलीकरण किया है वह इन सभी कार्यकर्ताओं के प्रति अपराध है जो भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जुटे हैं। और यह उन करोड़ों मेहनतकश, कानून का पालन करने वाले और सहनशील भारतीयों के प्रति भी अपराध है। आइए, एक बात को स्पष्ट समझ लेते हैं कि भारत बलात्कारियों का देश नहीं है। मैं चाहूंगा कि आप इस विविध, क्रियाशील और अद्भुत देश के बारे में और जानें और इसके गर्मजोश, खुले दिमाग वाले लोगों के बारे में भी जानें ताकि आप उस छवि को तोड़ सकें जो, मेरे विचार से, एक प्रोफेसर और अध्यापक के लिहाज से एकदम अनुपयुक्त है।

(IMNB)