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स्वरूपानंद सरस्वती अब हुए पीएम मोदी के मुरीद

वाराणसी। लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखने के सवाल पर जबलपुर में पत्रकार को थप्पड़ जड़ने वाले द्वारिका व शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती अब उनके मुरीद हो गए हैं। मोदी द्वारा जापान के प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति को गीता भेंट करने की शंकराचार्य खुले दिल से सराहना कर रहे हैं।
मोदी के मुरीद होने के साथ-साथ बीजेपी की हरियाणा व महाराष्ट्र सरकार द्वारा गौहत्या पर प्रतिबंध लगाए जाने का स्वागत करते हुए लिखित मंगलाशीष भी दे रहे हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति रुख में परिवर्तन का अंदाजा काशीवासी दो साल बाद कर रहे हैं। सोमवार को मीडिया से मुलाकात के दौरान मोदी के गीता प्रेम की सराहना करते हुए उन्होंने गौ हत्या पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई। मुसलमानों से गौमांस खाने की आदत छोड़कर गाय का दूध पीने और शाकाहारी पद्धति अपनाने की भी सलाह शंकराचार्य ने दिया। शंकराचार्य ने केंद्र सरकार को गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत करते हुए कहा गीता ऐसा धर्मग्रंथ है जिसका जिंदगी से बहुत जुड़ाव है। उन्होंने कहा, 'गांधी से लेकर बिनोवा भावे तक ने गीता पर टीका लिखी है तो क्रांतिकारी खुदीराम बोस ने गीता को हाथ में लेकर फांसी के फंदे को चूम था। यूएसए और जापान के राष्ट्राध्यक्षों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता भेंट किया।' शंकराचार्य ने गीता को स्कूलों में पढ़ाया जाना अनिवार्य करने के साथ इसको राष्ट्रग्रंथ घोषित करने की भी मांग उठाई। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा के नाम पर बने ट्रस्ट में जमा तेरह अरब रुपए को हिंदुओं को बेवफूक बनाकर ऐंठने का भी आरोप लगाया। शंकरचार्य ने साईं को मुस्लिम बताते हुए कहा कि कुछ लोग उनको भगवान बनाकर जनता को ठग रहे हैं। साईं के जन्मशती वर्ष पर बारह सौ करोड़ रुपए खर्च की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि लातूर में पानी की समस्या को दूर करने की दिशा में साईं ट्रस्ट को कदम उठाना चाहिए।

(IMNB)