जम्मू-कश्मीर: फिदायीन हमला करने वाले दोनों आतंकी मारे गए
जम्मू। जम्मू रीजन के कठुआ में थाने पर फिदायीन हमला करने वाले दोनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने 5 घंटे की मुठभेड़ के बाद मार गिराया है। इसमें कम-से-कम एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक के भी मारे जाने की खबर है। मरने वालों की पुष्टि करने और शव बरामद करने के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि आतंकियों ने सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर कठुआ के राजबाग थाने पर हमला किया था।
गेट पर तैनात एक सुरक्षाकर्मी की हत्या करते हुए वे थाने में घुस गए। राजनाथ सिंह ने बताया कि मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 2 जवानों के अलावा सीआरपीएफ के सात जवान भी घायल हुए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी सेना की वर्दी में आए थे और राजबाग पुलिस स्टेशन में पहुंचकर फायरिंग शुरू कर दी। हमले की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने थाने को घेर लिया और आतंकवादियों से मुठभेड़ शुरू कर दी। आतंकियों ने थाने में कुछ लोगों को बंधक बना कर रखा था। हमले में घायल एक सीआरपीएफ के जवान दिवाकर ने बताया कि हमलावरों ने हम लोगों पर बहुत सारे ग्रेनेड फेंके, हमलावरों की संख्या तीन होगी। हमले में शहीद होने वाले जवान का नाम पुरषोत्तम लाल बताया जा रहा है।
राजबाग पुलिस स्टेशन इंटरनैशनल बॉर्डर से मात्र 15 किलोमीटर दूर है। सूत्रों के मुताबिक ये हमलावर ऐसे घुसपैठिए हो सकते हैं, जो बीती रात ही सीमा पार करके यहां पहुंचे हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक से बात की और स्थिति की जानकारी ली। सिंह ने गृह सचिव एल. सी. गोयल को स्थिति पर नजदीक से नजर रखने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्रालय स्थिति पर नजदीक से नजर रखे हुए है।
इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'ये फिदायीन कल रात सीमा पार से आए होंगे और उन्होंने आज सुबह हमला कर दिया। आतंकवादी पहले भी यही तरीका अपनाते रहे हैं।' अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'मैं जम्मू के कठुआ शहर में आज सुबह हुए फिदायीन हमले का सामना कर रहे बहादुर सुरक्षाकर्मियों के साथ हूं।'
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों को अलर्ट किया था कि सीमापार के आतंकी शिविरों में आतंक की ट्रेनिंग हासिल करने के बाद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कम से कम 60 खूंखार आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसने की फिराक में हैं।
कठुआ और सांबा जिलों में 2013 और 2014 में पुलिस थानों और सैन्य शिविरों पर इसी प्रकार के आतंकवादी हमले हुए थे। मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार के काम संभालने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहली बड़ी आतंकी वारदात है।
(IMNB)