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योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर अब नहीं झुकेंगे केजरीवाल

दिल्ली। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग के तीन दिन बाद केजरीवाल खेमा सुलह के मूड में नहीं लग रहा है। इस मीटिंग में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आप की पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी (PAC)से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। पार्टी सूत्रों की माने तो यह फैसला इस बात का इशारा हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल अब एक ग्रुप लीडर के तौर पर उभर के आएंगे और पार्टी पर पूरा कंट्रोल करेंगे।
इतना ही नहीं, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में वोट करने वाले आप मेंबर्स को अब इस बात का डर सता रहा है कि जो कुछ इन दोनों नेताओं के साथ हुआ, उनके साथ भी वही सलूक किया जा सकता है। इसी बीच में आप नेता आशुतोष ने एक टीवी चैनल से कहा कि, केजरीवाल राजनीति छोड़ना चाहते थे क्योंकि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण लगातार उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे थे। आशुतोष ने दावा किया, 'पार्टी की एक मीटिंग में केजरीवाल पर तमाम सवाल उठाए गए। वह जवाब देने के लिए उठे लेकिन अचानक रोने लगे। केजरीवाल ने कहा कि मैंने रॉबर्ट वाड्रा, अंबानी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन मैं अपने ही लोगों के खिलाफ नहीं लड़ सकता।' आशुतोष के मुताबिक, 'केजरीवाल को बार-बार पार्टी से संयोजक पद से हटाने की कोशिश की जा रही थी इसके बावजूद वह इस मसले को बाहर नहीं आने देना चाहते थे।' अगस्त-सितंबर के दौरान प्रशांत भूषण ने केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अगर उन्होंने पार्टी संयोजक पद से इस्तीफा नहीं दिया और योगेंद्र यादव को संयोजक नहीं बनाया तो वह एक प्रेस कॉफ्रेंस बुलाएंगे और पार्टी को खत्म कर देंगे। आशुतोष ने बताया, 'जंगपुरा की पार्टी मीटिंग में रोने के बाद केजरीवाल घर वापस गए। उन्होंने अपने परिवार से बात की और पॉलिटिक्स छोड़ने का फैसला लिया।' आशुतोष ने यह भी दावा किया कि आशीष खेतान ने प्रशांत भूषण को खुलेआम यह कहते हुए सुना था कि आप को दिल्ली इलेक्शन हार जाना चाहिए। आप सांसद भागवत मान ने कहा कि प्रशांत भूषण पर पार्टी ने उदारता और नरमी के साथ ऐक्शन लिया है। मान ने कहा कि भूषण पर पार्टी को सख्ती से फैसला लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमलोग का भरोसा अरविंद केजरीवाल पर है और प्रशांत भूषण की केजरीवाल के साथ निजी लड़ाई है। इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नैशनल एग्जेक्युटिव की मीटिंग में फैसला लिया गया था अब आपसी कलह नहीं होनी चाहिए। शनिवार को महाराष्ट्र से पार्टी के नैशनल एक्जेक्युटिव मेंबर मयंक गांधी ने कहा कि पार्टी के भीतर एक छोटा ग्रुप उन्हें बदनाम करने में लगा है। उन्होंने कहा कि मेरी छवि ऐंटि पार्टी और ऐंटि केजरीवाल बनाने की कोशिश की जा रही है। गांधी उन सदस्यों में से हैं जिन्होंने खुद को योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को हटाने वाली वोटिंग से दूर रखा था। यादव और भूषण को हटाने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि केजरीवाल ने राष्ट्रीय संयोजक से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। मयंक के मुताबिक केजरीवल ने धमकी दी थी कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी में बने रहे तो वह राष्ट्रीय संयोजक पद से इस्तीफा दे देंगे।

(IMNB)