नागपुर छोड़ दिल्ली में मुख्यालय बनाएगा संघ ?
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को संघ के मार्गदर्शन में मिली विशाल जीत के बाद एक अहम बदलाव हो सकता है। आरएसएस ने दिल्ली स्थित कार्यालय केशव कुंज में 11 मंजिला दो बिल्डिंग बनाने का काम शुरू कर दिया है। तीन एकड़ का यह प्लॉट दिल्ली के झंडेवालान में स्थित है। चर्चा है कि संघ अपना मुख्यालय नागपुर से बदलकर दिल्ली में यहां शिफ्ट करने जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि नागपुर मुख्यालय की पुरानी बिल्डिंग से मटीरियल सुरक्षित किया जा रहा है जिसे दिल्ली में केशव कुंज में बन रही इमारत में इस्तेमाल किया जाएगा।
संघ की इस योजना से जुड़े शख्स, जिसने कुछ दिनों पहले इस पूरे प्रोजेक्ट की पीपीटी प्रेजेंटेशन मोहन भागवत समेत कई शीर्ष पदाधिकारियों को दिखाई थी, का कहना है, 'दिल्ली में स्पेस की दिक्कत सालों से रही है। पार्टी, इसके नेताओं, प्रचारक और संघ से जुड़े संगठनों के लोगों के दिल्ली में भरपूर स्पेस का ना होना बड़ी दिक्कत रही है।' मौजूदा समय में संघ के 60 लाख से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता हैं, जो देशभर में करीब पचास हजार नियमित शाखाओं के माध्यम से गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद दिल्ली में संघ का काम और विस्तारित हो गया है।
हमारे सगयोगी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, केशव कुंज में बन रहे ट्विन टॉवर में करीब 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों के दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यालय हैं। नई बिल्डिंग बनने के बाद सभी संगठन केशव कुंज से ही संचालित होंगे। नई बिल्डिंग में एक बड़ी लाइब्रेरी होगी, जिसमें संघ साहित्य पर जोर होगा। इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए अलग से हॉल बनाया जाएगा। एक योग कक्ष बनाने की भी योजना है। टॉवर के चारों ओर ऑरगैनिक सब्जियां और फल उगाने के लिए जगह छोड़ी जाएगी।
संघ के करीबी सूत्रों का कहना है कि संगठन नई बिल्डिंग में कुछ फ्लोर सरकार और निजी कंपनियों को भी किराए पर देगा। हालांकि इस बारे में फैसला सहयोगी संगठनों और शीर्ष नेतृत्व की जरूरतों को पूरा करने के बाद ही लिया जाएगा।
संघ की लीडरशिप जानती है कि ट्विन टॉवर के निर्माण से गैरजरूरी विवाद खड़ा हो सकता है। दरअसल संघ खुद को बिना अधिक तामझाम वाले संगठन के तौर पर पेश करता रहा है लिहाजा नई बिल्डिंग के सहारे विरोधी विवाद खड़ा करने की कोशिश करेंगे। इन चीजों के देखते हुए संघ ने इस पूरे प्रोजेक्ट को गुप्त ही रखा है।
(IMNB)