बाघ की जगह शेर को भारत का राष्ट्रीय पशु बनाने पर विचार
कोलकाता 18 अप्रैल 2015. केंद्र सरकार बाघ की जगह शेर को भारत का राष्ट्रीय पशु बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है । फिलहाल, 1972 से बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। हालांकि, इस विचार का विरोध भी शुरू हो गया है। वाइल्डलाइफ ऐक्टिविस्ट्स का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो बाघों को बचाने के सरकारी अभियान को झटका लगेगा। ऐसा होने पर बाघों के अभयारण्यों के पास औद्योगिक प्रॉजेक्ट्स को आसानी से मंजूरी मिलने का रास्ता साफ होने की भी आशंका जताई गई है।
झारखंड से राज्यसभा सांसद और उद्योगपति परिमल नाथवानी ने पर्यावरण मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेजा था। इसे मंत्रालय के अधीन काम करने वाले नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (NBWL) को भेजा गया। सूत्रों के मुताबिक इसके सदस्यों में गुजरात मूल के लोगों की भरमार है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता वाले बोर्ड की स्टैंडिग कमिटी ने इस मामले पर मार्च में चर्चा भी की थी। NBWL के एक सदस्य के मुताबिक, कमिटी ने पर्यावरण मंत्रालय से इस प्रस्ताव के सभी पहलुओं पर विचार करने का आग्रह किया था। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई है। हालांकि, NBWL के ही एक सदस्य एसएस सिंह का कहना है कि अभी काफी चीजों पर विचार होना बाकी है। उनका कहना था, 'बाघ भारत के 17 राज्यों में पाए जाते हैं, जबकि शेर सिर्फ एक।'
नाथवानी ने 2012 में भी यह प्रस्वाव मंत्रालय को भेजा था, लेकिन तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने राज्यसभा में कहा था कि इस प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं हो रहा है। पिछले साल केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद नाथवानी ने दिसंबर 2014 में दोबारा यह प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय को भेजा। हालांकि, जावड़ेकर का कहना था कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। इसके बावजूद 14 मार्च को जावड़ेकर की अध्क्षयता में हुई बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी, जहां इसे अजेंडा नंबर 4 के तौर पर शामिल किया गया था।
(IMNB)