कानपुर - गैंगरेप के आरोपी सपा नेता सहित तीन को सीओ ने दी क्लीन चिट
कानपुर। अभी तक आपने सुना होगा कि पुलिस सत्ताधारी लोगों की हां में हां मिलाती है। ऐसा ही वाक्या हम आपको बताने जा रहे है, जिसमें पुलिस ने नाबालिग गैंगरेप पीडि़ता की न तो एफआईआर लिखी न ही मेडिकल कराया।
और जज बनकर सीओ साहब ने सीधे फैसला सुनाते हुए आरोपी सपा नेता को क्लीन चिट दे दी।
गौरतलब है कि 17 अप्रैल को काकादेव थाना क्षेत्र में एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया था कि सपा नगर सचिव संतराज यादव और उसके दो साथी अरविन्द भूरी व सीटू ने उसका अपहरण कर गैंगरेप किया है।
आरोपी के सत्ताधारी होने के चलते काकादेव पुलिस ने तहरीर लेना भी गंवारा नहीं समझा।
इसके बाद पीडि़ता ने डीआईजी व आईजी के यहां गुहार लगाई। आलाधिकारियों के दबाव में थाना पुलिस ने तहरीर तो ले ली लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीें की।
रविवार को सीओ आतिश कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता कर मामले पर जज बनकर सीधे फैसला सुनाते हुए आरोपी सपा नेता व उसके साथियों को क्लीन चिट दे दी।
पुलिस द्वारा गैंगरेप पीडि़ता के साथ किए गए इस तरह के बर्ताव से सत्ता के दबाव की बू आना तो स्वाभाविक है। बताते चलें कि आरोपी सपा नेता पिछले दिनों एक हत्या के मामले में जेल से छूटकर आया है।
फिलहाल पीडि़ता व उसके परिजन अभी भी न्याय की आस लिए आलाधिकारियों से गुहार लगाने की बात कह रहे हैं।
अब देखना होगा कि आलाधिकारी सीओ की तरह ही सपा नेता की हां में हां मिलाते हैं, या कानून को ध्यान में रखते हुए आरोपी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अनीता दुआ का कहना है कि जिस तरह से पुलिस ने नाबालिग गैंगरेप पीडि़ता के मामले में सत्ता पक्ष के नेता को क्लीनचिट दी है।
उससे ऐसा लग रहा है कि पुलिस सत्ता के दबाव में है और जब मामला खुद उसी के नेता का हो तो फिर कहने ही क्या। उन्होंने कहा कि इससे यह बात साफ है कि सत्ता और पुलिस का चोली दामन का साथ है। बताते चलें कि
पिछले वर्ष तत्कालीन सीओ स्वरूप नगर राकेश नायक ने जो गलती की थी, उसी गलती की राह पर मौजूद सीओ आतिश कुमार सिंह भी चल पड़े हैं। बताते चले कि हाई प्रोफाइल ज्योति हत्याकांड के मुख्य हत्यारोपी पीयूष श्यामदासानी से पूछताछ के दौरान सीओ नायक उसका माथा चूमकर दुलार कर रहे थे।
जिसके चलते उन कार्यवाही की गाज गिरी थी। अब काकादेव में नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप की घटना में सपा नेता सहित सभी आरोपियों को सर्किल सीओ सिंह द्वारा क्लीनचिट दे दी गई है।
ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस प्रकरण का संज्ञान लेकर सत्ता पक्ष के नेता व उसके साथियों को बिना लिखापढ़ी के क्लीनचिट देने वाले सीओ का क्या हश्र करता है।
(सूरज वर्मा - कानपुर)