J&K - कश्मीरी पंडितों की टाउनशिप में मुस्लिम भी रहेंगे
नई दिल्ली 28 अप्रैल 2015. गृह मंत्रालय कश्मीरी पंडितों के लिए 3-4 कंपोजिट टाउनशिप बसाना चाहता है। एक कंपोजिट टाउनशिप 2,500 परिवारों के लिए होगी। श्रीनगर और अनंतनाग समेत कश्मीर घाटी के अलग-अलग हिस्सों में ये फ्लैट बनाए जाएंगे। इनमें से आधे फ्लैट्स कश्मीर पंडितों के लिए रिजर्व होंगे, जबकि बाकी फ्लैट्स कश्मीरी मुसलमानों को भी बेचे जा सकते हैं।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'इसका मकसद कश्मीरी पंडितों को अलग मुहल्ले में बसाना नहीं बल्कि यह पक्का करना है कि मुसलमान और पंडित सुरक्षित माहौल में एक साथ रहें।'
उन्होंने कहा कि इस मामले में इस तरह की गलतफहमी पैदा हो गई है कि निर्वासन झेल रहे कश्मीरी पंडितों के लिए उनके अपने राज्य में अलग टाउनशिप बनाई जाएगी।
गृह मंत्री ने 7 अप्रैल को बयान दिया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से कश्मीरी पंडितों के लिए कंपोजिट टाउनशिप बसाने की खातिर जमीन मुहैया कराने को कहा है। दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान सईद ने सिंह को आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर सरकार इस मकसद के लिए जल्द से जल्द जमीन मुहैया कराएगी। सिंह के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर में विवाद शुरू हो गया था।
कश्मीर घाटी के अलगाववादी नेताओं ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि इस तरह की 'खास बस्ती' बनाने से मामला और जटिल हो जाएगा। अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने कहा था, 'पंडितों के लिए अलग कॉलोनी बनाना दोनों समुदायों के बीच घृणा की दीवार बनाने की साजिश है।' पंडित संगठनों ने भी अलगाववादियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा था कि उनके लिए अपने घरों को लौटना अनुकूल नहीं है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कश्मीरी पंडितों के पास 20 लाख मुआवजे के बदले नया फ्लैट लेना का विकल्प होगा। सरकार पंडितों को यह मुआवजा उनके घरों को फिर से बनाने के लिए देगी।
अधिकारी ने बताया, 'यह मुआवजा फिलहाल 5 लाख है, जिसे बढ़ाकर 20 लाख किए जाने की बात है और इसे मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) 'अच्छी क्वॉलिटी' वाले फ्लैट्स बनाएगी, जो जम्मू के नगरोटा में पंडितों को मुहैया कराए गए दो रूम वाले अस्थायी ठिकाने से काफी बेहतर होंगे।'
अधिकारी के मुताबिक, टाउनशिप का आइडिया इसलिए पेश किया गया क्योंकि पंडित अपने घरों को लौटने में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे। अधिकारी ने बताया, 'पंडितों के पास अपने मूल घरों को फिर से बनाने के लिए 20 लाख लेने का विकल्प हमेशा खुला है, बशर्ते वे ऐसा चाहते हों।' कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास प्लान पर मंत्रालय के मूल प्रस्ताव को अब तक कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिली है।
(IMNB)