किसान की जिंदगी से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं - पीएम मोदी
नई दिल्ली 23 अप्रैल 2015. AAP की रैली में किसान की खुदकुशी का मुद्दा आज संसद में भी गूंजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जारी चर्चा के दौरान कहा, किसान द्वारा आत्महत्या किया जाना गंभीर चिंता की बात है, लेकिन यह समस्या पुरानी है, व्यापक है, उसे उसी रूप में लेना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सदन की पीड़ा के साथ खुद को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, किसान की ज़िन्दगी से बड़ी कोई चीज़ नहीं होती, किसान को असहाय नहीं छोड़ा जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा, "हमें देखना होगा, पहले क्या कमियां रहीं, पिछले 10 महीनों में क्या कमियां रहीं, अच्छे सुझावों को साथ लेकर चलने के लिए सरकार तैयार है" अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज की चर्चा में से सामूहिक संकल्प उभरकर आए, इतनी प्रार्थना सदन से करता हूं"
इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि किसान की मौत पर मैं प्रधानमंत्री और भारत सरकार की तरफसे शोक प्रकट करता हूं। मैं उन लोगों का आभार प्रकट करता हूं कि जिन्होंने कहा कि इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मैं भी इस मामले पर राजनीति नहीं चाहता।
राजनाथ ने कहा, यह घटना बहुत दुखद है। भीड़ ने गजेंद्र को ताली बाजकर उकसाया। खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया गया है। मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा जा चुका है। पुलिस को मैंने इस संबंध में समयबद्ध जांच करने के निर्देश भी दिए हैं। मामला आईपीसी धारा 306,186, 34 के तहत दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा, जब तक किसान धनवान नहीं होगा, तब तक हिन्दुस्तान भी धनवान नहीं हो सकता। किसानों की हालत तभी सुधरेगी जब उनके बच्चों को रोजगार मिलेगा, हमारी सरकार स्किल डेवलपमेंट की दिशा में काम कर रही है। साथ ही सरकार कई योजनाएं भी चला रही है।
दीपेंद्र हुड्डा के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि आपने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया, लेकिन बता दूं वह चुनावों की वजह से माफ हुआ था, प्राकृतिक आपदा की वजह से नहीं। हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। हमने मुआवजा डेढ़ गुना बढ़ाया है।
(IMNB)