Breaking News

यशवंत सिन्हा और पूर्व आर्मी चीफ मलिक बन सकते हैं राज्यपाल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार आठ राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के गवर्नर के लिए सही कैंडिडेट की तलाश में जुटी हुई है। सरकार फिलहाल पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, वाजपेयी सरकार में संचार राज्य मंत्री रहे कवींद्र पुरकायस्थ और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी पी मलिक की दावेदारी पर संजीदगी से विचार कर रही है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री जयवंती बेन मेहता भी इस दौड़ में शामिल हैं।
सूत्र ने कहा, 'लोग कैबिनेट में होने वाले फेरबदल के बारे में बातचीत कर रहे हैं, लेकिन राजभवन की नियुक्तियों का मामला ज्यादा गंभीर है। नेताओं के साथ प्रोफेशनल फील्ड से ताल्लुक रखने वाले, रिटायर्ड नौकरशाह और पुलिस अधिकारियों के नाम पर विचार किया जा रहा है।' सूत्र के मुताबिक चीन में बनने वाले ब्रिक्स बैंक के चेयरमैन को लेकर यशवंत सिन्हा के नाम पर विचार किया जा रहा था। इसके साथ ही वह जम्मू-कश्मीर के गवर्नर पद के भी दावेदार थे। उन्होंने कहा, 'उस वक्त जम्मू-कश्मीर के गवर्नर पद पर उनकी दावेदारी को लेकर विचार किया गया। इसके साथ उनके बेटे को कैबिनेट मिनिस्ट बनाने का विचार था। लेकिन दोनों में कुछ भी नहीं हो सका। हालांकि इस बार जूनियर सिन्हा को कैबिनेट में मौका मिल सकता है।' सूत्र ने कहा, 'बिहार के एक दलित रिटायर्ड नौकरशाह में भी इस दौड़ में हैं। यह एक तरह से प्रतिनिधित्व दर्शाने वाली कवायद होगी।' कवींद्र पुरकायस्थ पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी की पहचान रहे हैं और बीजेपी अगले विधानसभा चुनाव में असम में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। पुरकायस्थ असम के सिलचर से सांसद रह चुके हैं। जनरल वी पी मलिक करगिल युद्ध के समय इंडियन आर्मी के चीफ थे। जयवंती बेन मेहता वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं और लोकसभा में दक्षिणी मुंबई का प्रतनिधित्व कर चुकी हैं। फिलहाल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के पास चार राज्यों बिहार, मिजोरम और मेघालय का प्रभार हैं। वहीं हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी पंजाब का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह हिमाचल प्रदेश का प्रभार देख रहे हैं जबकि नगालैंड के गवर्नर पद्मनाभ आचार्य त्रिपुरा और असम का अतिरिक्त प्रभार देख रहे हैं। पिछले करीब 300 दिनों से त्रिपुरा बगैर राज्यपाल के काम कर रहा है।

(IMNB)