यमन के तट पर पहुंचा भारतीय नौसेना का पोत
नई दिल्ली। संघर्षग्रस्त यमन से भारतीयों को बाहर निकालने के लिए रवाना किया गया भारतीय नौसेना का पोत देश के समुद्री क्षेत्र के पास पहुंच गया है लेकिन एयर इंडिया के दो विमानों समेत वह भी स्थानीय मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है।
रक्षा सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत 4 अप्रैल तक दो युद्ध-पोतों समेत चार और जहाजों के यमन पहुंचने की उम्मीद है।
राजधानी सना समेत यमन के विभिन्न प्रांतों में करीब 3,500 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें से अधिकतर नर्स हैं।
सूत्रों ने कहा कि अदन की खाड़ी में दस्यु विरोधी अभियानों में शामिल एक अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा को वहां से हटाकर यमन से भारतीयों को बाहर निकालने के लिए यमन की ओर रवाना किया गया था। पोत यमन के समुद्र क्षेत्र के ठीक बाहर है और अदन में तेज गोलीबारी के बीच यमन में घुसने की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
योजना के तहत आईएनएस सुमित्रा अदन में फंसे कम से कम 400 भारतीयों को जिबौती ले जाएगा। आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई और राडार की पहुंच से बाहर आईएनएस तरकश मुंबई से रवाना किए गए हैं। कावारत्ती और कोरल नाम के दो व्यापारी जहाज भी रवाना किए गए हैं।
चारों जहाज दो अप्रैल को अरब महासागर में मिलेंगे और एक साथ जिबौती की तरफ बढ़ेंगे। एयर इंडिया ने सोमवार को 180 सीटों वाले दो विमान रवाना किए थे जो अधिकारियों की मंजूरी के इंतजार में ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे हुए हैं। एयर इंडिया सूत्रों ने यहां कहा, ‘दोनों विमान दूसरे दिन मस्कट में खड़े हैं। सना हवाई अड्डे पर उतरने की मंजूरी के अलावा हम अपनी सरकार के निर्देशों का भी इंतजार कर रहे हैं।’ भारतीय वायुसेना ने भी यमन में अभियानों के लिए दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमान तैनात किए हैं।
योजना के तहत दोनों विमान जिबौती जाएंगे और वहां से भारतीयों को मुंबई और कोच्चि वापस लेकर आएंगे। जब तक चारों भारतीय जहाज जिबौती पहुंचेंगे, भारतीय वायुसेना बहुत सारे भारतीयों को वापस ला चुकी होगी। इसके बाद बाकी भारतीयों को जहाजों में भरकर वापस देश लाया जाएगा।
(IMNB)