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यौन उत्‍पीड़न प्रकरण : आंतरिक जांच में 'टेरी' ने आरके पचौरी को दोषी पाया

नई दिल्ली 23 मई 2015. मशहूर पर्यावरणविद आरके पचौरी पर यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाने वाली रिसर्च एनालिस्ट के आरोपों को द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट (टेरी) की आंतरिक जांच में सही पाया गया है। इस मामले से जुड़े टेरी के सूत्रों ने बताया कि जांच में 74 वर्षाय पचौरी को कार्य स्‍थल पर यौन उत्‍पीड़न के आरोपों में दोषी पाया गया है। आंतरिक शिकायत समिति ने जांच में पाया है कि पचौरी ने अपने पद का गलत फायदा उठाते हुए संस्‍थान की यौन उत्‍पीड़न पर बनी नीति का उल्लंघन किया।
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि पचौरी की अधीनस्‍त 29 वर्षीय रिसर्च एनालिस्ट के आरोप विस्‍तृत पूछताछ में सही पाए गए। जांच समिति ने अपने निष्‍कर्ष में पचौरी को गलत व्यवहार का दोषी ठहराते हुए शिकायतकर्ता को हर्जाना देने की बात कही है। माना जा रहा है कि समिति ने पचौरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है। इस मामले में दिल्‍ली पुलिस ने पचौरी के खिलाफ 18 फरवरी को यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी और पीछा करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति ने इस बात का भी खुलासा किया है कि जांच के दौरान टेरी के ही लोगों द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा था। जांच समिति ने कहा कि संस्‍थान का माहौल भी जांच में कोई खास मददगार नहीं था। पचौरी का पक्ष रखने के लिए 30 गवाह पेश हुए तो शिकायतकर्ता के लिए महज 19 गवाह सामने आए। पचौरी का कहना रहा है कि पीड़िता के साथ उनका रिश्ता कभी दोस्ती की हद से आगे नहीं गया था। उन्होंने यह जरूर माना कि वह अन्य सहकर्मियों के मुकाबले पीड़िता के ज्यादा करीब थे।

(IMNB)