Breaking News

भारत में पहले आइएस नेटवर्क का भंडाफोड़, चार आतंकी गिरफ्तार

नई दिल्ली 08 मई 2015. इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट (अाइएस) के चार सदस्यों को मध्यप्रदेश के रतलाम में गिरफ्तार किया गया है। भारत में आइएस का यह पहला जेहादी सेल है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। इन्हें पिछले माह 15 अप्रैल को मध्यप्रदेश एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इमरान खान, वसीम खान, रिजवान खान और अनवर कुरैशी नाम के ये सभी आतंकी पिछले एक साल से इंटरनेट के माध्यम से आइएस से संपर्क में थे। इनके एक साथी मजहर इसरायल खान की तलाश जारी है।
ये आतंकी युसुफ अलहिंदी से लगातार बातचीत करते थे। युसुफ पहले पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर कहीं सक्रिय था। लेकिन हाल ही में वह सीरिया पहुंच गया और आइएस में शामिल हो गया। यह इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय आतंकी है और 2009 में पाकिस्तान भाग गया था। इमरान के पिता मोहम्मद शरीफ ग्रामीण अभियांत्रिकी सेवा में कर्मचारी हैं। पुलिस ने बताया कि इमरान ने स्थानीय रॉयल कॉलेज बीबीए की पढ़ाई पूरी नहीं की है। ये पांचों अल सुफा नाम के चैरिटी ग्रुप से जुड़े हुए थे जिसके कुछ सदस्य सांप्रदायिक दंगों में कथित संलिप्तता को लेकर सवालों के घेरे में रहे हैं। चारों आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद इनके परिवारों में खलबली मची हुई है। इमरान की मां रेहाना ने कहा है कि मेरे बेटे ने कहा, 'मैं बिल्कुल बेकसूर हूं, अल्लाह जानता है मैंने कुछ नहीं किया।' रेहाना ने कहा कि इमरान की तरह मेरे छोटे बेटे ने भी कुछ समय विदेश में बिताए हैं। वह घर आने में डर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानती कि वह कहां है। रेहाना ने कहा कि पुलिस ने उनकी जिंदगी हराम कर दी है। इमरान की गिरफ्तारी से पहले तक मेरा परिवार खुशहाल था। अब हमने सबकुछ ऊपरवाले पर छोड़ दिया है। पिछले एक साल इन पांचों आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी और युसुफ के साथ इंटरनेट पर उसकी बातचीत को रिकार्ड किया जा रहा था। युसुफ ने इन आतंकियों को आनलाइन ही आइईडी बम बनाने की कला सिखाई थी। इन्होंने दो पिस्तौलें भी खरीदीं थीं। आइबी के अनुसार इमरान खान रतलाम का स्थानीय नेता है। वह यूसुफ के साथ प्रो-इस्लामिक फेसबुक पेज के जरिए पहली बार संपर्क में आया था। उस फेसबुक पेज में भारत में आइएस के लिए समर्थन जुटाने की अपील की गई थी। पिस्तौल खरीदने और आइईडी विस्फोटक बनाने की तकनीक की जानकारी लेने के बाद युसुफ इन आतंकियों को हमला करने का गुर सिखा रहा था। 15 अप्रैल को पहली गिरफ्तारी के बाद धीरे-धीरे माड्यूल के सभी आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। सबसे अंतिम गिरफ्तारी अनवर कुरैशी की दो मई को हुई थी।

(IMNB)