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सीमा विवाद सुलझाने के लिए सहमत हुए केकियांग और नरेंद्र मोदी

बीजिंग 15 मई 2015. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत और चीन सीमा विवाद को सर्वस्वीकार्य ढंग से सुलझाने के लिए सहमत हो गए हैं। मोदी ने चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीमा के सवाल पर दोनों देश ऐसा हल खोजने पर सहमत हो गए हैं, जो दोनों को स्वीकार्य हो। उन्होंने कहा कि अपने रिश्तों को आगे बढ़ाते हुए हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि हमें एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहिए।
चीन को सबसे अहम रणनीतिक साझीदारों में से एक बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत और चीन के उभार तथा उनके रिश्तों से दोनों देशों के साथ इस शताब्दी के भविष्य पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में दोनों देशों के रिश्ते जटिल रहे हैं, लेकिन हमे इस रिश्ते की एक दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में जरूरत है, जिससे दुनिया का भला हो। हम एशिया के दो सबसे बड़े देशों को एक नई दिशा में ले जाने के लिए दृढ़संकल्प हैं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग साथ मेरी बातचीत हमारे रिश्तों को उस दिशा में एक कदम आगे ले गयी है। मोदी ने कहा कि हमारी बातचीत स्पष्ट, रचनात्मक और दोस्ताना रही। हमने अन्य मुद्दों के साथ उन पहलुओं को भी छुआ जो हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने में बाधक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने चीन के नेताओं को उन मुद्दों पर पुनर्विचार करने को कहा, जो हमारे रिश्तों के आड़े आ रहे हैं। मोदी ने कहा, मैंने चीन को सलाह दी कि उसे हमारे रिश्तों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। मैंने पाया कि चीन के नेता भी इस बारे में सोचते हैं। दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों ने एक ऐसा हल खोजने की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति जताई है, जो दोनों पक्षों को स्वीकार हो। दोनों देशों ने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास करने पर प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चीन ने हमारी चिंताओं पर संवेदनशील रुख दिखाया। मैंने दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के स्पष्टीकरण की अहमियत पर जोर दिया। साथ ही मैंने वीजा नीति और सीमा के आर पार बहने वाली नदियों पर भी आगे बढ़ने पर जोर दिया। साथ ही मैंने हमारी कुछ क्षेत्रीय चिंताओं पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि अपने रिश्तों को आगे बढ़ाते हुए हमें एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहिए, परिपक्वता दिखाते हुए अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए और मुद्दों का हल खोजना चाहिए।

(IMNB)