शादी का अनोखा विज्ञापन- जेंडर और एचआईवी नो बार
नई दिल्ली 2 जून 2015. मेट्रीमोनियल साइट्स पर शादी के विज्ञापन तो आपने कई देखे होंगे, लेकिन ये
सबसे अलग है। 'लड़की की उम्र 31 साल। अंग्रेजी साहित्य से स्नातक। पुणे से
एमबीए किया है। अच्छी खासी नौकरी...' विज्ञापन की सबसे खास बात इसके बाद लिखी गई है। '..लड़की ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से है और एचआईवी पॉजिटिव है।
जेंडर और एचआईबी नो बार' वाला यह
विज्ञापन दिया है नई दिल्ली की अमृता अल्पेश सोनी ने। एक
खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के सोलापुर की अमृता बताती हैं कि पहले छह माह
में कई आवेदन आ चुके हैं। अमृता गैर-सरकारी संगठन हिंदुस्तान लेटेक्स फैमिली प्लानिंग प्रमोशन ट्रस्ट के लिए चंडीगढ़ में एडवोकेसी ऑफिसर हैं। उनके
मुताबिक, मैंने करीब छह माह पहले अपना प्रोफाइल अपलोड किया था और अब तक कई
प्रपोजल मिल चुके हैं। बकौल अमृता, मैं मानती हूं कि शादी करने पर शारीरिक
संबंध नहीं बना पाऊंगी, लेकिन मुझे एक जीवनसाथी की तलाश है। अमृता से
शादी की इच्छा जताने वालों में ज्यादातर तलाकशुदा और विधुर हैं। अमृता का
मानना है कि इनमें से अधिकांश ट्रांसजेंडर हो सकते हैं, लेकिन समाज की
संकीर्ण सोच के चलते खुलकर नहीं बताना चाहते हैं। अमृता जब 16 साल की
थीं, तब माता-पिता ने घर से निकाल दिया। इसके बाद उनके चाचा ने शोषण किया।
मजबूर होकर उन्हें किन्नरों के बैंड में शामिल होना पड़ा। कुछ साल बाद लिंग
परिवर्तन करवाया, जिससे भारी कर्ज हो गया। अमृता के मुताबिक, कर्ज
चुकाने के लिए मैंने सड़कों पर खुद को बेचना शुरू कर दिया। मेरे साथ कई बार
रेप हुआ और उसी दौरान मैं एचआईपी ग्रसित हो गई। उन्होंने टेलीग्राफ को अपना असली नाम छापने की अनुमति दी है। यही नाम उन्होंने अपने वैवाहिकी विज्ञापन में दिया है।
( IMNB)