कानपुर - सड़क निर्माण में गड़बड़ी के आरोपी ठेकेदार ने पत्रकारों को दी धमकी
कानपुर 25 जून 2015. बुधवार दोपहर ट्रांसपोर्टनगर में करोड़ों की लागत से बन रही सड़क
में घपलेबाजी और गड़बड़ी का आरोप लगाकर पब्लिक ने जमकर हंगामा किया। नारेबाजी के बीच ठेकेदार,
सुपरवाइजर व उनके साथियों के पहुंचने पर इलाकाई लोगों से उनकी तीखी झड़प भी
हुई। पब्लिक द्वारा सड़क निमार्ण ठप करवाए जाने और हंगामे की सूचना पर कई
स्थानीय पत्रकार भी वहां पहुंचे तो ठेकेदार व उसके गुर्गो ने पत्रकारों को कवरेज करने से रोका और धमकियां दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटिया काम की शिकायत पर पत्रकारों ने जब ठेकेदार और उनके साथियों से सवालों व आरोपों का जवाब
मांगा, तो अपनी बात रखने के बजाए सुपरवाइजर अनीस, ठेकेदार और उनके साथी अचानक पत्रकारों पर हमलावर हो गए। उन्होंने पत्रकारों को अपशब्द बोलते
हुए देख लेने और परिणाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली। वो लगातार अपनी
लंबी पहुंच की बात कहकर धमकी दे रहे थे। बवाल और धमकियों के बाद सूचना पर
भी पुलिस नहीं पहुंची तो पत्रकारों ने थाना बाबूपुरवा जाकर ठेकेदार की धमकियों के खिलाफ, अपनी जान-माल की रक्षा हेतु तहरीर दी।
64 लाख की सड़क में ढेरों घपले व अनियमिततायें
गौरतलब है कि हाल में ही शासन ने ट्रांसपोर्टनगर में आधा दर्जन प्रमुख सड़कों के निमार्ण के लिए 8 करोड़ रुपये दिए हैं। इन सभी सड़कों पर कुछ दिन पूर्व निमार्ण कार्य भी शुरू हो चुका है। इनमें से एक लगभग सौ मीटर लंबी सड़क ट्रांसपोर्टनगर रैन बसेरा के पीछे है। इसे 64 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। इस सड़क से कंचनपुरवा जैसी कई बड़ी मलिन बस्तियां और ढकनापुरवा जैसे बड़े अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके सटे हैं। सड़क निर्माण में गड़बड़ी
पर पब्लिक के साथ इस सड़क धांधली पर मोर्चा खोलने वाले वार्ड-12 के कांग्रेस के पूर्व पार्षद प्रत्याशी अतीक अहमद शहजादे और आप पार्टी के वरिष्ठ इलाकाई नेता हाजी शाकिर हुसैन ने बताया कि सड़क निर्माण के लिये इतनी बड़ी धनराशि स्वीकृत होने के बावजूद, मजबूत बेस बनाने के बजाए सड़क पर बोल्डर कहलाने वाले बड़ी गिट्टियां नहीं डालीं गईं। पूरे समय यहां खड़े रहने वाले सैकड़ों ट्रकों के बोझ से कुछ ही दिन में ये सड़कें टूट जाएंगी। वहीं सड़क को ठीक तरीके से साफ तक नहीं किया गया। यूं ही कूड़े और मिट्टी के ढेर पर काम शुरू कर दिया गया। फिर सड़क का लेवल इतना ऊंचा कर डाला गया कि बगल की अल्प संख्यक बस्तियों में सड़क के कारण भीषण जल भराव हो जाएगा। दिखावटी नालियां बेहद उथली और बिना सीवर से जोड़े यूं ही बना दी गईं। मानसून आ पहुंचा है, फिर जरा सी बरसात में जलभराव और गंदगी से पूरा इलाका त्राहि-त्राहि कर उठेगा। इस सड़क के निमार्ण में बरती गई अनियमितता और लापरवाही हजारों निवासियों के लिए भयानक बीमारियों और दुश्वारियों का कारण बनेगी। सुनवाई नहीं होने पर जब पब्लिक ने काम
रुकवाया तो आरोप है कि ठेकेदार और उनके गुर्गों ने लोगों के साथ जमकर
अभद्रता की, धमकियां दीं। बड़े-बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा। एक सीनियर सिटीजन महावीर सिंह को तो ठेकेदार ने खूब अपशब्द कहे। इस पर पब्लिक और भड़क गई। फिर जमकर बवाल हुआ।
डीएम से शिकायत भी बेअसर, बेनतीजा जांच पर भी फूटा गुस्सा
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शहजादे और हाजी शाकिर के अलावा समाजवादी पार्टी के
किदवईनगर विधानसभा अध्यक्ष आलम नवाज वारसी, सपा के ही वार्ड सचिव मो.
इरशाद, पूर्व वार्ड अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद आदि ने बताया कि पिछले दिनों
इस सड़क के निमार्ण में मानकों की धज्जियां उड़ाने की शिकायतें डीएम से
लेकर अन्य अधिकारियों तक पहुंचाईं गईं। शिकायतों पर जांच भी हुईं। पर पब्लिक के अनुसार सब दिखावटी साबित हुआ, कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर पब्लिक का गुस्सा बढ़ता गया और अंततः बुधवार सुबह ये आक्रोश बनकर फूट पड़ा। सैकड़ों की तादाद में जनता ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर निमार्ण कार्य बंद करवा दिया।
इन जनप्रतिनिधियों समेत इलाके के निवासियों डाॅ. गोपाल, एडवोकेट मोहम्मद
वहीद, दिलशाद, शमशाद, दीपू, मोत्र रजा, गुड्डू, नसीम, सलमान, आरिफ, सोनू पंडित, ताज आलम, रमजानी, अनुराग सिंह, पप्पू, रीना, पूजा, सुनील, गुफरान,
आदिल, बब्लू, शालू, खुर्शीद आलम, ब्रजेश, शहबाज, इमरान, रुस्तम अली आदि का आरोप है कि सड़क बना रहा ठेकेदार और उसके साथी गड़बडि़यों पर बात करने या विरोध करने पर परिणाम भुगतने की बात कहकर खुलेआम डराते-धमकाते हैं।
प्रशासनिक स्तर पर काई कार्रवाई नहीें की जाती है। वार्ड 12 के इलाकाई पार्षद गौरव जैन सैकड़ों बार शिकायत पर झांकने तक नहीं आते हैं। इन लोगों का कहना है कि इसलिए अब खुद जाकर काम रुकवाना पड़ा। काम तब तक नहीं होने देंगे जबतक कि सड़क को मानकों के अनुरूप ठीक से बनाया नहीं जाएगा। इसके लिए इलाकाई नेताओं ने जरूरत पड़ने पर धरने प्रदर्शन, अनशन तक की घोषणा कर दी है।
कन्फ्यूजन पैदा करके बचने की कोशिश
लोगों का आरोप है कि जवाबदेही से बचने के लिए ठेकेदार और कर्मचारी लगातार
पब्लिक को गुमराह करने की कोशिश में लगे हैं। कार्यस्थल पर मानक के अनुसार ठेकेदार का नाम, कार्य की लागत, समयावधि, वर्कआॅर्डर की डिटेल आदि कहीं कोई जानकारी नहीं लिखी है। जबकि इसके बोर्ड लगने चाहिए। वहीं लोगों को कभी भाजपा के पूर्व पार्षद ज्ञानेंद्र मिश्रा ज्ञानू के ठेकेदार होने की बात बताई जाती है तो कभी ठेका अनीस नाम के ठेकेदार और उनके साथी मोहम्मद अजीम के नाम होने की बात कही जाती है, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर पब्लिक और पत्रकारों को धमकाया। जेई भी मौके पर आते नहीं, बवाल के वक्त दर्जनों फोन काॅल्स के बाद भी नहीं पहुंचे। लोगों का कहना है कि वो
कार्यदायी संस्था के अधिकारियों का घेराव करेंगे।
पत्रकारों ने दी बाबूपुरवा थाने में तहरीर
ठेकेदार की धमकी के खिलाफ, जानमाल की सुरक्षा के लिए थाने में तहरीर देने वालों में लाइव कानपुर डॉट कॉम न्यूज़ पोर्टल और शहर दायरा के सम्पादक अभिषेक त्रिपाठी, संवाद न्यूज़ एजेंसी के फोटोग्राफर शिवराज साहू, टीडब्लू न्यूज़ एजेंसी के रिपोर्टर अरविन्द कुमार, यूपी पुलिस मॉनिटर के चीफ रिपोर्टर सौरभ बाजपेयी, लाइव कानपुर डॉट कॉम के स्ट्रिंगर विमल कुमार गुप्ता आदि हैं।