बांग्लादेश से पीएम मोदी ने पाक को दी सख्त नसीहत
ढाका 08 जून 2015. जिस बांग्लादेश को कभी भारत ने पाकिस्तान से आजाद कराया था, आज उसी की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामाबाद को आतंकवाद पर सख्त पाठ पढ़ाया। बांग्लादेश दौरे के आखिरी दिन मोदी ने पाक पर लगातार हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। दोनों देशों के संयुक्त घोषणापत्र में भी हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने का संकल्प लिया गया है।
रविवार को बंगबंधु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में अपने संबोधन के दौरान मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि जो पाकिस्तान आए दिन भारत को परेशान करता रहता है, नाको दम ला देता है, बार-बार आतंकवाद की घटनाओं को बढ़ावा देता रहता है, उसके 90 हजार सैनिक हमारे कब्जे में थे। अगर विकृत मानसिकता होती तो न जाने क्या फैसला ले लिया जाता।
मोदी ने भारत के संयम की चर्चा करते हुए कहा कि अगर हवाई जहाज का अपहरण हो जाए तो 25-50 यात्रियों के बदले में दुनियाभर की मांगें मंगवा ली जाती हैं। लेकिन हमने बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल पाक पर गोली चलाने के लिए नहीं किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए शेख हसीना की नीति का सम्मान करता हूं। पर्यटन जोड़ता है, आतंकवाद तोड़ता है। सार्क देशों में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए। संबोधन की शुरुआत मोदी ने बांग्ला भाषा में की, जिसका वहां बैठे लोगों ने जोरदार स्वागत किया। अपनी दो दिन की यात्रा के बाद मोदी देर शाम भारत लौट आए।
हम साथ-साथ हैं
पीएम ने कहा कि सूर्य की किरणें पहले बांग्लादेश पर पड़ती हैं। उसके बाद हमारे यहां आती हैं। लोगों को लगता है कि हम पड़ोसी हैं, लेकिन अब लोग मानेंगे कि हम पड़ोसी ही नहीं साथ चलने वाले देश हैं। लोग सोचते थे कि हम पास-पास हैं। लेकिन अब दुनिया को स्वीकार करना पड़ेगा कि हम पास-पास भी हैं और साथ-साथ भी हैं। मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की विकास की यात्रा अब रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि जो सम्मान मुझे यहां मिला है वो मेरा नहीं 125 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। तीस्ता समझौते की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि पंछी-पवन और पानी को वीजा नहीं लगता। पानी राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकता। तीस्ता के पानी का समाधान भी मानवीय मुद्दों के आधार पर होगा।
(IMNB)