कानपुर - पनकी में नए पावर प्लांट की बड़ी बाधा दूर, जल्द लगेगी 660 मेगावाट की यूनिट
कानपुर 15 जुलाई 2015.पनकी में पॉवर प्लांट 660 मेगावाट की नई यूनिट स्थापित करने की बड़ी बाधा दूर हो चुकी है। भारतीय पुरातत्व विभाग ने मान लिया है कि बड़ा प्लांट लगेगा तो कानपुर की धरोहर को कोई हानि नहीं पहुंचेगी। वन विभाग भी सैद्धांतिक सहमति देने को राजी हो गया है। अनापत्ति प्रमाणपत्र की कागजी कार्यवाही अगले तीन से चार दिनों में पूर्ण होने के आसार दिख रहे हैं।
प्लांट में पर्यावरण मंत्रालय ने 21 अगस्त को जनता अदालत भी बुला ली है, वहां प्लांट को 'पर्यावरण परीक्षा' पास करनी होगी।प्लांट में स्थापित 105 मेगावाट क्षमता वाली दो इकाइयां वर्ष 1993-94 में ही मियाद पूरी कर चुकी है। तब से प्लांट बेहद बुरी स्थिति में गुजर रहा है। इसलिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम 660 मेगावाट की अतिरिक्त यूनिट स्थापित करने पर काम कर रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद फाइल भारतीय पुरातत्व विभाग व पर्यावरण मंत्रालय में लटकी थी। दो दिन पहले पुरातत्व विभाग ने भी प्लांट को हरी झंडी दे दी। विभाग का कहना है कि 10 किलो मीटर के दायरे में कोई भी पुरातत्व व वन्य जीव से जुड़े स्थान प्लांट बनने से प्रभावित नहीं होगा।इधर पर्यावरण मंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर जनता की अदालत में प्लांट को पर्यावरण के मानक पर परखा जाएगा। विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पार्षद व स्थानीय बाशिंदों से आपत्तियां मांगी जाएंगी, उनका निस्तारण अफसरों को करना होगा। इस टेस्ट को पास करने के लिए प्लांट के अधिकारी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। अधिशासी अभियंता सिविल एसएन भास्कर ने बताया कि वन महकमे ने भी एनओसी के लिए हामी भरी है जबकि प्रशासन, जनप्रतिनिधि व क्षेत्रीय लोगों को बुलावा भेजा गया है।नए प्लांट की बुनियाद तैयार करने की मंशा से आईआईटी व एचबीटीआई के इंजीनियर्स स्वायल टेस्टिंग (मृदा परीक्षण) कर रहे हैं,रिपोर्ट भी दो से तीन दिनों में आ जाएगी। उधर एफ ब्लाक पनकी में प्लांट के कर्मचारियों के रहने के लिए 184 फ्लैट बनाए जाएंगे, लोक निर्माण विभाग ने पूरा स्टीमेट भी तैयार कर लिया है।करीब 4700 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत हो चुका है। इसके निर्माण के लिए बाकायदा एडवाइजर कमेटी का भी गठन कर लिया गया है, वह पिछले दिनों प्लांट में आकर पूरा खाका खींचकर चली गई।
पर्यावरण मंत्रालय की चेतावनी के बाद भी प्रदूषण की दिशा में कोई सुधार नहीं हो रहा, 105 मेगावाट की जर्जर दोनों यूनिटों से निकल रही राख ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले दिनों पनकी की कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने राख समस्या की शिकायत मंत्रालय से है। जनता की अदालत के दिन लोगों का विरोध फूट जाने की आशंका है।
(महेश प्रताप सिंह)