कानपुर - पुलिस ने पकड़े शराब के नामी ब्रांड के हजारों जाली स्टीकर
कानपुर 10 जुलाई 2015. फीलखाना पुलिस ने एक सूचना पर थाने के सवाई सिंह हाता इलाके में एक प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारकर राॅयल स्टैग व्हिस्की के पांच हजार से भी ज्यादा स्टीकर बरामद किये हैं। खुद बरामदगी करने वाले पुलिसकर्मियों के अनुसार इस प्रिंटिंग प्रेस में पिछले कई महीनों से महंगी शराब ब्रांडों के जाली स्टीकर बड़ी संख्या में छापे जा रहे थे। विचारणीय है कि पड़ोस के उन्नाव व कानपुर देहात जिलों में नकली शराब से ढेरों मौतों और पंचायत चुनाव सिर पर होने के बावजूद शहर पुलिस आखिर क्यों शिथिल है और आखिर खुफिया क्या कर रही थी ?
शहर पुलिस की ऐसी निष्क्रियता देखकर बड़ी शराब कंपनियों ने देश की एक नामी जासूसी फर्म को कानपुर में नकली शराब के कारोबारियों को पकड़वाने का जिम्मा सौंपा था । इन्हीं की सूचना और दबाव के बाद पुलिस को बड़े ब्राण्डों की व्हिस्की और स्काॅच की डुप्लीकेसी के धंधे को रोकना पड़ा। फीलखाना पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर उन्होंने बुधवार सुबह इलाके के सवाई सिंह हाते की ‘गुप्ता प्रिंटिर्स’ के यहां छापा मारा। यहां पर भारी संख्या में राॅयल स्टैग ब्रांड के कुल 5040 छपे हुये जाली स्टीकर बरामद हुये। स्टीकरों की कुल 90 शीटें मिलीं, जिन पर शराब की 2520 क्वाटर बोतलों के आगे पीछे चिपकाने के लिए अवैध स्टीकर छपे रखे थे। वहीं सबूत के तौर पर प्रेस के कंप्यूटर में इन स्टीकरों की कोरल साॅफ्टवेयर पर बनीं डिजाइनें भी मिलीं। थानाध्यक्ष के अनुसार इस अवैध सामग्री को सील कर दिया गया है।
पर जब ये पूछा गया कि प्रिंटिंग प्रेस से कौन-कौन और कितने लोग पकड़े गए तो इस पर पुलिस का जवाब था कि प्रेस के मालिक वहां नहीं थे, कर्मचारी पुलिस के पहुंचने से पहले ही स्कूटर से भाग निकले। वहीं पुलिस ने मामले को हल्के मेे लेते हुए प्रिंटिग प्रेस या मशीन तक को सील करना मुनासिब नहीं समझा। स्टीकरों के अलावा केवल प्रिंटर और कटर उठाया गया।
जबकि कई प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार छापे में प्रेस के मालिक पिता-पुत्र और कर्मी पकड़े गए थे। जिन्हें शराब कंपनियों के अधिकारियों के दबाव के बावजूद थानाध्यक्ष के चैंबर में बैठा ले रखा गया, फिर लगातार ऊपर से फोन आने के बाद छोड़ दिया गया। थाने में पत्रकारों के पहुंचने पर नामी देशी-विदेशी कंपनियों को सेवाएं दे रही प्राइवेट डिटेक्टिव कंपनी ‘‘लांसर्स नेटवर्क लिमिटेड’’ के असिसटेंट मैनेजर आॅपरेशंस रवि सिंह चैाहान ने बताया कि कानपुर नगर जिले के विभिन्न स्थानों में पिछले लगभग 4 महीने से बड़ी ब्रांड की स्काॅच और व्हिस्की बनाकर बाजार में खपाने का काम बड़े पैमाने पर चालू हो चुका है। रवि सिंह के अनुसार शराब कंपनियों की ढेरों शिकायतों के बाद अकेले कानपुर जिले और आसपास के क्षेत्रों में ही उन्होंने अपनी तीन टीमें लगाईं। इनमें 27 माहिर जासूस लगे और शहर भर में लगभग एक दर्जन ऐसे स्थानों का पता लगाया जहां पर बड़े दारू ब्रांडों की पायरेसी की जा रही है। इनमें जाली स्टीकर छाप रही प्रेसें और विक्रेता शामिल है।
इन ब्रांड्स की नकली शराब बाजार में
डिटेक्टिव एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार भारत में ‘सीग्रम’ नाम से शराब बेचने वाली कंपनी ढेरों विदेशी ब्रांड्स के लिए शराब की बाॅटलिंग करके बिकवाती है। इसी कंपनी ने नकली शराब के धंधेबाजों को बेनकाब करने का ठेका उन्हें दिया। क्योंकि कानपुर में ही इन सभी बड़े ब्रांडों की डुप्लीकेसी करके बेचा जा रहा है।
डिटेक्टिव फर्म के अधिकारी रवि सिंह चैाहान के अनुसार नकली शराब के कारोबारी पुरानी खाली बोतलों में देशी शराब और घटिया मैटीरियल में रंग मिलाकर भर देते हैं। पुराने ही ढक्कनों को डाई मशीन से बोतलों पर लगाकर सील कर दिया जाता है। शराब की बोतलों पर लगने वाले आबकारी के नकली स्टीकर्स भी ऐसी ही प्रिंटिंग प्रेसों में गैरकानूनी ढंग से छाप लिये जाते हैं।
जानकारों के अनुसार शहर में इतनी भारी संख्या में नकली शराब बनाने का धंधा शुरू हो जाना आने वाले पंचायत चुनावों की तैयारी ही है। पुलिस नहीें चेती तो फिर से उन्नाव और कानपुर देहात जेसे कांड हो सकते हैं।
(अभिषेक त्रिपाठी)